
- किसानों की जनता से अपील :- देश में खेती किसान, रोजगार को बचाना है तो किसानों की इस लड़ाई में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले।
- सरकार के आंदोलन तोड़ने के कई प्रयासों के बावजूद शाहजहाँपुर-खेड़ाबॉर्डर पर आंदोलन जारी है । बावल चौरासी और आसपास के इलाकों से हजारों की संख्या में लोग आज मोर्चे में शामिल हुयें।
- शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर आज आंदोलन का 51वाँ दिन।
किसानों द्वारा शाहजहाँपुर-खेड़ा बॉर्डर पर आंदोलन को जारी रखते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। आमसभा को सम्बोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा कहा गया था कि 2022 तक किसानों की आय दुगनी करेगे परंतु अपने वायदे पूरे करने के बजाय किसानों को घोर किसान विरोधी काले कानून दिये गए।

अलग-अलग वक्ताओं ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक किसान आंदोलन है और यह क्षण दोबारा नही आयेगा। अतं सभी किसान भाइयों और न्याय पसंद जनता को इसमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। प्रदर्शनकर्ता किसानों को बधाई देते हुए कहा कि सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद किसान आंदोलन के मोर्चों पर डटे हुयें हैं। शाहजहांपुर मोर्चे पर भी किसान पूरी ताकत, एकता और मुस्तैदी के साथ मैदान सम्भाले हुये हैं।

किसान नेताओं ने ये भी कहा कि अगर देश में खेती-किसानी, रोजगार, व्यापार आदि को बचाना है तो सबसे पहले इन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करवाना होगा। यदि खेती पर संकट आएगा तो देश की पूरी अर्थव्यवस्था संकटग्रस्त होनी शुरू हो जाएगी। इसलिए इस जनांदोलन को सफल बनाने के लिये इस आंदोलन में बढ़ा चढ़ कर भाग लें।
आमसभा को निम्नलिखित वक्ताओं ने सम्बोधित किया:- राजा राम मील, का.अमराराम, योगेंद्र यादव, रजीत राजू, सुमेर सिंह जेलदार, रामकिशन महलावत, एडवोकेट मुकेश शर्मा, विद्याधर चौधरी, सुमेर सिंह सरपंच, ईश्यर सिंह महलावत, मांगेराम पनवाड,बच्चू सिंह छिल्लर, नवीन सोहलोत, मा.गजराज सिंह, रण सिंह सरपंच, हरीश चंद मिश्रा उडीसा, पृथ्वी पाल सिंह संधू, पूर्व विधायक रामेश्वर दयाल, राजेन्द्र सिंह एडवोकेट, वेदप्रकाश बाल्यान, चंद्र प्रकाश वकील, शर सिंह कटारिया, कमलेश विशनोई, पृथ्वी पाल सिंह संधू, जीतराम छिल्लर, सतीश यादव, अजय अहलावत, बलवीर छिल्लर, मुसद्दी लाल यादव, मंजु जैफ, कमलेश थाकन, पप्पू कुरैशी आदि वक्ताओं ने सम्बोधित किया। आमसभा का संचालन डॉ. संजय “माधव” ने किया।
ये भी पढ़े: दिगम्बर जैन मंदिर पाश्र्वनाथ में 500 साल पुरानी 30 मूर्तियां ले गए चोर