
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बयान के बाद कांग्रेस ने उनके बयान की आलोचना की है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को किसी पार्टी का पक्ष नहीं रखना चाहिए। वह अब एक संवैधानिक पद पर हैं। असल में धनखड़ ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में बिना राहुल गांधी का नाम लिए कहा था कि विदेशी धरती से यह कहना गलत है भारतीय संसद में विपक्ष का माइक बंद कर दिया जाता है। यह कहना देश और संविधान का अपमान करना और मिथ्या प्रचार करना है।
इस मुद्दे पर जयराम रमेश ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि भारत के उपराष्ट्रपति ने राहुल गांधी द्वारा यूनाइटेड किंगडम में दिए गए भाषण पर कुछ टिप्पणी की। कुछ पद ऐसे होते हैं जिन पर आसीन होने पर हमें अपने पूर्वाग्रह, पार्टी विशेष के प्रति निष्ठाओं को त्यागना होता है। भारत के उपराष्ट्रपति का पद भी ऐसा ही पद है, जिसे हमारा संविधान राज्यसभा के सभापति होने की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी प्रदान करता है। ऐसे में उपराष्ट्रपति को राजनीतिक बयान से बचना चाहिए।
रमेश ने कहा कि राहुल गांधी ने विदेश में ऐसा कुछ नहीं कहा है जो उन्होंने यहां कई बार नहीं कहा हो। राहुल गांधी का बयान तथ्यात्मक और जमीनी वास्तविकता को दर्शाता है। पिछले दो सप्ताह में संसद के 12 से ज्यादा विपक्षी सदस्यों को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया, क्योंकि उन्होंने संसद के भीतर एक ऐसे मुद्दे पर अपनी आवाज दबाए जाने का विरोध किया था, जो सत्ता पक्ष के लिए असुविधाजनक है। पिछले आठ सालों में, चैनलों और समाचार पत्रों को ब्लैक आउट किया गया है, छापे मारे गए हैं और इस हद तक धमकाया गया है कि अब केवल सरकार की ही आवाज सुनाई देती है।
रमेश ने कहा कि आपातकाल भले ही घोषित नहीं किया गया है, लेकिन सरकार के कदम वैसे नहीं हैं जैसा कि संविधान का सम्मान करने वाली सरकार के होते हैं। राज्यसभा के सभापति, यद्यपि, सभी के लिए अंपायर, रेफरी, मित्र और मार्गदर्शक हैं। वह किसी सत्तापक्ष के लिए चीयरलीडर नहीं हो सकते।