
गर्मी का मौसम आते ही कई तरह की समस्याएं सेहत को नुकसान पहुंचाने लगती हैं। इस मौसम में खासतौर पर लू और धूप की वजह से कई तरह की समस्याएं होती हैं। इन्हीं में से एक आई स्ट्रोक या रेटिनल ब्लड वेसल अक्लूजन है, जो आंखों से जुड़ी एक गंभीर समस्या है, जिसकी वजह से कई बार विजन लॉस भी हो सकता है। आई स्ट्रोक तब होता है, जब रेटिना में ब्लड का फ्लो करने वाली ब्लड वेसल ब्लॉक हो जाती है, जिससे अचानक और गंभीर विजन लॉस हो सकता है। यह एक मेडीकल इमरजेंसी है, जिस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत होती है। रेटिना को सही तरीके से काम करने के लिए ऑक्सीजन से भरपूर खून की लगातार जरूरत होती है। ऐसे में अगर किसी वजह से खून की आपूर्ति रुक जाए, तो इससे संभावित रूप से स्थायी दृष्टि हानि हो सकती है।
आई स्ट्रोक के लक्षण

अचानक और बिना दर्द विजन लॉस होना या विजन में बदलाव।
धुंधलापन, फ्लोटर्स, विजन एरिया में एक कालापन,
प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता।
विजुअल फील्ड में ग्रे धब्बे या फ्लोटर्स।
आई स्ट्रोक के कारण क्या है?
खून के थक्के
ब्लड वेसल्स का सिकुडऩा।
आर्टरीज में प्लाक का जमना।
एम्बोलिज्म (खून के थक्के का एक टुकड़ा, जो टूटकर आंख तक पहुंच जाता है)।
किन लोगों को है ज्यादा खतरा
जिन लोगों को पहले से ही कोई बीमारी है, जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, एथेरोस्क्लेरोसिस और हाई कोलेस्ट्रॉल, वे आई स्ट्रोक के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं।
रिस्क फैक्टर्स
हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन)
डायबिटीज
धूम्रपान
ग्लूकोमा
हाई कोलेस्ट्रॉल (हाइपरलिपिडेमिया)
हार्ट डिजीज
एथेरोस्क्लेरोसिस (ब्लड वेसल्स में प्लाक का जमना)
ब्लड डिसऑर्डर जो थक्के को प्रभावित करते हैं
आई स्ट्रोक का इलाज
आंखों स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है और इसके लिए तुरंत इलाज की जरूरत होती है। इसके इलाज में दवाएं, ब्लड फ्लो को बहाल करने की प्रोसेस आदि शामिल हो सकते हैं।
जल्दी पहचान और इलाज का महत्व
जल्दी इलाज से स्थायी विजन लॉस को रोकने में मदद मिल सकती है।
आंखों में स्ट्रोक शरीर के अन्य भागों में स्ट्रोक के हाई जोखिम का संकेत हो सकता है।
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