
आइसक्रीम के बीच कुल्फी का क्रेज जरा भी कम नहीं हुआ. इसकी पॉपुलैरिटी को इस तरह से समझा जा सकता है कि अब यह कई तरह के फ्लेवर में मौजूद है। आज भले ही कुल्फी को ऑर्डर करने के कुछ ही मिनट बाद हम तक पहुंच जाती है, लेकिन इसे इंसानों तक इस रूप में पहुंचने में सैकड़ों सालों का वक्त लगा है। पिछले 600 सालों से भी अधिक समय से भारतीय कुल्फी का लुत्फ उठा रहे हैं। आइए जानते हैं यह भारतीयों के पास कैसे पहुंची कुल्फी।
यहां तक की कुल्फी अलग-अलग राज्यों में अलग- अलग तरीके से परोसी जाती है। उदाहरण के लिए भारत के उत्तरी भाग में, कुल्फी को अक्सर इलायची के साथ सुगंधित किया जाता है और फालूदा के साथ परोसा जाता है, इसे गुलाब जल में भिगोंकर मीठी चाशनी के साथ भी परोसा जाता है।
वहीं, भारत के दक्षिणी भाग में कुल्फी को अक्सर नारियल के दूध और आम और अनानास जैसे स्वाद के साथ बनाया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, हर किसी की यह फेवरेट कुल्फी भारत में आखिर कैसे पहुंची?
कुल्फी का इतिहास

कुल्फी का इतिहास काफी दिलचस्प है. इसे बनाने की शुरुआत 16 वीं शताब्दी में हुई थी. जब भारत पर मुगल शासक अकबर का राज था। बादशाह अकबर खाने के बहुत शैकीन थे। उन्हें खुश करने के लिए दरबार के रसोई में कई तरह के व्यंजन बनाए जाते थे। पहली बार कुल्फी बादशाह अकबर के लिए ही बनाई गई थी।
इतिहासकारों के अनुसार, मुगलों के दौर में ज्यादा पर्शियन भाषा का इस्तेमाल होता था। ‘कुल्फी’ शब्द ’भी पर्शियन भाषा से ली गई है।
ऐसे तैयार हुई कुल्फी

कुल्फी बनाने के लिए धीमी आंच पर दूध को देर तक पकाया जाता था। फिर इसमें शक्कर मिलाई जाती थी। इसके बाद केसर को डाल कर सांचे में रखा जाता था. साथ ही उन दिनों कुल्फी को जमाने के लिए पोटैशियम नाइट्रेट का इस्तेमाल होता था। इस तरह इससे तैयार बर्फ और नमक को एक मटके में रखा जाता था। इसमें उन सांचों को रखा जाता था, जिसमें कुल्फी का मैटेरियल रहता था। कुल्फी को सबसे पहले धातु के शंकु या मिट्टी के बर्तनों में निर्मित किया गया। इसे बनाने के लिए दूध, क्रीम और चीनी का मिश्रण लिया जाता था। कुल्फी बनाने के लिए इस मिश्रण को जमाया जाता था। उस जमाने में फ्रिज नहीं हुआ करते थे। ऐसे में इसे ठंडा रखने के लिए सामान्यत: बर्फ या नमक का प्रयोग होता था।
कुल्फी के हैं कई फ्लेवर
कुल्फी के कई फ्लेवर आते हैं. इनमें पिस्ता, वेनिला, राजभोग, केसर, इलायची जैसे स्वादिष्ट फ्लेवर को लोग काफी पसंद करते हैं। इसे कई तरह से सर्व किया जाता है। कुछ लोग इसे स्टिक में खाना पसंद करते हैं तो कई लोग इसका आनंद कप और प्लेट में भी लेते हैं।
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