भगवान श्रीकृष्ण कुछ चीजों से बहुत ज्यादा मोह रखते हैं। ये ऐसी चीजें हैं जो वे इन्हें कभी भी खुद से दूर नहीं होने देते। बांसुरी, गाय, माखन मिश्री, मोर पंख और कमल ये भगवान को अत्यंत ही प्रिय है। भगवान श्रीकृष्ण का इन चीजों से मोह मनुष्य को जीवन के कई रहस्यों एवं ज्ञान से परिचय कराती है।
बांसुरी
बांसुरी भगवान श्री कृष्ण को अत्यंत प्रिय है, क्योंकि बांसुरी में तीन गुण हैं। पहला बांसुरी में गांठ नहीं है। जो संकेत देता है कि अपने अंदर किसी भी प्रकार की गांठ मत रखो यानी मन में बदले की भावना मत रखो। दूसरा बिना बजाये यह बजती नहीं है। मानो बता रही है कि जब तक ना कहा जाए तब तक मत बोलो। तीसरा जब भी बजती है मधुर ही बजती है। जिसका अर्थ हुआ जब भी बोलो मीठा ही बोलो। जब ऐसे गुण किसी में भगवान देखते हैं, तो उसे उठाकर अपने होंठों से लगा लेते हैं।
गाय
भगवान श्रीकृष्ण को गाय अत्यंत प्रिय है। इसका कारण यह है कि गाय सब कार्यों में उदार तथा समस्त गुणों की खान है। गाय का मूत्र, गोबर, दूध, दही और घी, इन्हे पंचगव्य कहते हैं। मान्यता है कि इनका सेवन कर लेने से शरीर के भीतर पाप नहीं ठहरता। जो गौ की एक बार प्रदक्षिणा करके उसे प्रणाम करता है। वह सब पापों से मुक्त होकर अक्षय स्वर्ग का सुख भोगता है।
माखन मिश्री
कृष्ण को माखन मिश्री बहुत ही प्रिय है। मिश्री का एक महत्वपूर्ण गुण यह है कि जब इसे माखन में मिलाया जाता है, तो उसकी मिठास माखन के कण-कण में घुल जाती है। माखन के प्रत्येक हिस्से में मिश्री की मिठास समा जाती है। मिश्री युक्त माखन जीवन और व्यवहार में प्रेम को अपनाने का संदेश देता है। यह बताता है कि प्रेम में किस प्रकार से घुल मिल जाना चाहिए।