
- कोविड टीकाकरण राज्य स्तरीय शुभारम्भ समारोह
- कोरोना के कुशल प्रबंधन की तरह ही हम
- मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य कर्मियों से किया संवाद
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोरोना के कुषल प्रबंधन से प्रदेश में कोविड रोगियों की संख्या सीमित होना और आज वैक्सीन की शुरूआत होना एक सुखद संयोग है। जिस तरह हमने सभी के सहयोग से कोरोना का बेहतरीन ढंग से मुकाबला किया है, उसी तरह हम इस टीकाकरण अभियान को सफल बनाकर मिसाल पेष करेंगे। उन्होंने कहा कि वैक्सीन आने के बावजूद कोरोना को पूरी तरह समाप्त करने के लिए सभी लोग मास्क लगाने, सोषल डिस्टेंसिंग रखने सहित अन्य हैल्थ प्रोटोकाॅल की निरन्तर पालना सुनिष्चित करें।
गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से कोरोना टीकाकरण के राज्य स्तरीय शुभारम्भ समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रदेश में 167 साइट्स पर एक साथ टीकाकरण प्रारम्भ किया गया। एसएमएस मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुधीर भण्डारी के साथ ही इन साइट्स पर प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के चिकित्सकों ने पहले दिन टीका लगवाया।
मुख्यमंत्री ने अल्प समय में ही वैक्सीन तैयार करने पर इससे जुड़े सभी वैज्ञानिकों, विषेषज्ञांे और अन्य कार्मिकों को बधाई देते हुए कहा कि सभी को उन पर गर्व है। उन्होंने कहा कि कई ट्रायल और जांच के बाद आई यह वैक्सीन कोरोना पर विजय प्राप्त करने में हमारी मदद करेगी। उन्होंने कहा कि अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना की जंग में दिन-रात जुटे स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य कोरोना वाॅरियर्स का टीकाकरण प्रारम्भ होने से आत्मविष्वास और मजबूत होगा। उन्होंने अपील की है कि वैक्सीन को लेकर लोग भ्रांतियों से बचें और इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि टीकाकरण से संबंधित जानकारियों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक किया जाए।

गहलोत ने कहा कि इस महामारी के देष में आने के साथ ही राज्य सरकार ने पूरी सजगता और सतर्कता के साथ कदम उठाते हुए सबसे पहले लाॅकडाउन किया। हमने जनप्रतिनिधियों, धर्मगुरूओं, स्वयंसेवी संस्थाओं, व्यापारियों, सोषल एक्टिविस्ट सहित गांव-ढाणी तक लोगों को साथ लेकर इस संकट का सामना किया। इस महामारी के आने तक जहां हम जांच के लिए सैंपल बाहर भेजते थे, वहीं आज प्रदेष में प्रतिदिन 60 हजार से अधिक की जांच क्षमता विकसित कर ली गई है।
आपदा को अवसर में बदलते हुए हमने मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया। इसी का परिणाम रहा कि प्रदेष में मृत्यु दर 1 प्रतिषत से भी कम रही और रिकवरी दर 97 प्रतिषत से ऊपर पहुंच गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देषभर में अचानक लाॅकडाउन किया गया तो श्रमिकों एवं प्रवासियों के आवागमन की बड़ी चुनौती हमारे सामने थी, लेकिन हमारी सरकार ने बसों और ट्रेनों के माध्यम से लोगों को न केवल सकुषल उनके घर पहुंचाया, बल्कि उनके भोजन और ठहरने की भी समुचित व्यवस्था की। हर जरूरतमंद को संकट की इस घड़ी में राहत प्रदान की। इसी का नतीजा रहा कि पूरे देष में हमारे कोरोना प्रबंधन को सराहा गया।
गहलोत ने इस अवसर पर टीकाकरण साइट्स पर उपस्थित चिकित्सकों, नर्सिंग कर्मियों एवं अन्य हैल्थ वर्कर्स से संवाद किया। उन्होंने कोरोना की चुनौती में अहम भूमिका निभाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की हौसला अफजाई करते हुए उनसे टीकाकरण की तैयारियों तथा इस ऐतिहासिक क्षण के अनुभवों को लेकर बातचीत की। मुख्यमंत्री ने अभियान के तहत पहला टीका लगवाने वाले एसएमएस मेडिकल काॅलेज प्राचार्य डाॅ. सुधीर भण्डारी, 93 वर्षीय विषेषज्ञ चिकित्सक डाॅ. पीसी डांडिया, नर्सिंग अधीक्षक डाॅ. विनोद मथुरिया तथा जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में उपस्थित डाॅ. जीएल मीणा से संवाद किया।
जलदाय मंत्री डाॅ. बीडी कल्ला ने श्रीगंगानगर के सादुलशहर सीएचसी, नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने छबड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने जिला चिकित्सालय केकड़ी, परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने धौलपुर जिले के बाड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, षिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने जोधपुर के मथुरादास माथुर चिकित्सालय तथा चिकित्सा राज्य मंत्री डाॅ. सुभाष गर्ग ने बांसवाड़ा जिले के आनंदपुरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों के साथ संवाद किया।