पुन्योदय के बिना गुरु-भगवन्तों का सानिध्य नही मिलता- डा.पदमचन्द्र महाराज

प्रवचन प्रभाकर डा.पदमचन्द्र महाराज ने कहा कि पुन्योदय के बिना गुरु-भगवन्तों का सानिध्य नही मिलता। महापुरुषों के प्रताप से समाज में नवजाग्रति आती है।युग की धाराएं बदल जाती है।

अखिल भारतीय स्थानक जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में आचार्य प्रवर पार्श्वचन्द महाराज के सानिघ्य में चौरडिया भवन में चल रहे चातुर्मास कार्यक्रम में शनिवार को पाण्डाल खचाखच भरा रहा। श्रावकों ने कोरोना गाईड लाईन की पालना करते मुनिश्री के प्रवचनों का लाभ उठाया।

धर्मसभा को संबोधित करते हुए डॉ मुनि ने कहा कि प्रत्येक श्रावक को व्रत जरूर धारण करना चाहिए। अव्रती रहने से अनंत भावों की पाप क्रिया का फल जीव को भुगतना पड़ता है। श्रावक व्रत से पाप का संबंध कट जाता है।

उन्होंने कहा कि किसी की भी निंदा नही करनी चाहिए। निन्दक व्यक्ति गुणवान के गुणों को नहीं देखता बल्कि उनके अवगुणों की ओर विशेष ध्यान देता है। किसी की भी निंदा करना गंदगी के समान है।

जीवन में कभी व्रत व नियम भंग हो जाए तो प्रतिक्रमण या प्रायश्चित कर लेना चाहिए। ज्ञान हृदय के भीतर उतारने से ही उसका फायदा होगा। उन्होंने कहा कि जिस वस्तु के गुणधर्म के बारे में पूरी-पूरी जानकारी नहीं हो, वह भूलकर भी नहीं खानी चाहिए।

अखिल भारतीय स्थानक जयमल जैन श्रावक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवराज बोहरा तथा सचिव गौतम खिंवसरा ने बताया कि आचार्यश्री के दर्शन तथा प्रवचन श्रवण को अन्य शहरों के श्रावक भी सूर्यनगरी पहुंच रहे हैं। जयजाप में भी महिलाएं उत्साह से भाग ले रही हैं।

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