जयपुर
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि कृषि से जुड़े ‘सेंटर अफ एक्सीलेंस’ किसानों की आय बढ़ाने के लिए दीर्घकालीन योजना बनाकर काम करें। उन्होंने राज्य में खजूर का उत्पादन क्षेत्र बढ़ाने के निर्देश दिए। कटारिया गुरूवार को पंत कृषि भवन में आयोजित बैठक में प्रदेशभर के ‘सेंटर अफ एक्सीलेंस’ की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। कृषि मंत्री ने अधिकारियों से इन केन्द्रों को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर देते हुए कहा कि इन्हें नाम के अनुरूप वास्तव में उत्कृष्ट केंद्र बनाएं। इन केंद्रों में क्षमताएं खूब हैं। पूर्ण इच्छा शक्ति के साथ दीर्घकालीन योजना बनाकर काम करने की आवश्यकता है। इसके लिए जो भी प्रस्ताव बनाया जाएगा, उसे किसान हित में मंजूर कर बजट मुहैया कराएंगे। कटारिया ने अधिकारियों से कहा कि इन केन्द्रों पर अच्छी किस्म के पौधे तैयार कर स्थानीय किसानों की जरूरतों को पूरा करने के साथ आय सृजित करने की दिशा में काम करें। स्थानीय जलवायु के अनुकूल फल-सब्जियों का उत्पादन बढ़ाने पर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खजूर के पौधे काफी महंगे बिकते हैं। हम जैसलमेर में सागर भोजका सेंटर पर खजूर की अच्छी किस्मों के ज्यादा पौधे तैयार कर खजूर उत्पादन का क्षेत्र बढ़ा सकते हैं और अच्छी आमदनी भी हासिल कर सकते हैं। उन्होंने बस्सी के पास डिडोल में आम, बेर एवं जामून के पेड़ विकसित करने के लिए निर्देशित किया जिसे देखकर किसान बागवानी के लिए प्रेरित हो सके। कृषि एवं सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने आगामी पांच साल में खजूर का उत्पादन क्षेत्र दस हजार हेक्टेयर करने के निर्देश दिए। बैठक में कृषि आयुक्त ड. ओमप्रकाश, उद्यानिकी आयुक्त वी सरवन कुमार, कृषि विपणन विभाग के निदेशक ताराचंद मीना, संयुक्त शासन सचिव कृषि एसपी सिंह, कृषि मंत्री के विशिष्ट सहायक विभू कौशिक सहित उच्च अधिकारी उपस्थित थे।