पौष मास में करें सूर्यदेव की अराधना

31 दिसंबर 2020 से पौष मास का आगाज हो चुका है। यह मास 28 जनवरी तक रहेगा। पौष मास हिंदू पंचांग का 10वां महीना है। मान्यता है कि अगर इस महीने में सूर्य देव की अराधना की जाए तो व्यक्ति को 11 हजार रश्मियों के साथ स्वास्थ्य प्राप्त होता है। पौष मास में सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व है।

पौष मास में पूजा-अर्चना और उपासना करने से मनुष्य को फल की प्राप्ति तुरंत हो जाती है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि इस मास में गर्म वस्त्र दान करने चाहिए। इस महीने में लाल और पीले वस्त्र धारण करना चाहिए।

पौष मास में इस तरह करें सूर्य देव की उपासना:

पौष मास में प्रतिदिन सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए। फिर स्नान कर साफ वस्त्र पहनें।
एक तांबे का बर्तन लें। इसमें जल डालें। इसमें लाल चंदन और लाल फूल डालें। इसी जल से सूर्य देव को अर्घ्य दें।
इसके बाद ‘ॐ श्री सूर्य देवाय नमः’ का जाप करें।
इस मास अगर व्यक्ति फलाहार व्रत करता है तो उसका विशेष महत्व होता है।
व्रत के दिन नमक का सेवन न करें। सूर्यदेव को तिल और खिचड़ी का भोग लगाना चाहिए।

पौष मास में बरतें सावधानियां:

कहा जाता है कि पौष मास में मेवे का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं, चीनी के बजाय गुड़ का सेवन करना चाहिए। अगर इस महीने में अदरक और लौंग का सेवन किया जाए तो व्यक्ति को बहुत लाभ होता है। इसके अलावा कहा जाता है कि इस महीने ज्यादा मात्रा में भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही तली हुई चीजें खाने से बचना चाहिए।