संकट में यस बैंक, 45 प्रतिशत घटा मुनाफा

यस बैंक
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संकट के दौर से गुजर रही यस बैंक पर एक और बड़ा संकट गहरा रहा है। बैंक का 45 प्रतिशत मुनाफा घटा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में यस बैंक के मुनाफे में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। जनवरी से मार्च तिमाही में बैंक का शुद्ध 45 प्रतिशत घट गई है। ऐसा बैंक की ओर से खराब ऋण के लिए प्रावधानों को बढ़ाने के कारण हुआ है। समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ घटकर 2.02 अरब रुपये रह गया, पिछले वर्ष इसी अवधि में बैंक का मुनाफा पिछली 3.67 अरब डॉलर था। उस समय पिछली तिमाही की तुलना में बैंक के शुद्ध मुनाफे में तीन गुने की वृद्धि दर्ज की गई थी। रिफाइनिटिव के आंकड़ों के अनुसार, यस बैंक का मुनाफा विश्लेषकों की ओर से लगाए गए मुनाफे के अनुमान 2.88 अरब रुपये से काफी कम है। इस दौरान यस बैंक के प्रोविजन और आकस्मिक खर्च 2.71 अरब रुपये से बढक़र 6.18 अरब रुपये हो गए हैं। बैंक का एनपीए एक वर्ष पहले 13.93त्न कम था।

अपना बैंलेंस शीट सुधारने के लिए यस बैंक ने उठाया बड़ा कदम

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दिसंबर में यस बैंक ने अपनी बैलेंस शीट को साफ करने के उद्देश्य से एक सौदे में निजी इक्विटी फर्म जेसी फ्लावर्स को 480 अरब रुपये (5.9 अरब डॉलर) के खराब ऋण का हस्तांतरण पूरा कर लिया है। यस बैंक एनपीए तीन महीने 1.03 की तुलना में कम 0.83त्न था।

यस बैंक को ब्याज से होने वाली शुद्ध आमदनी में इजाफा

यस बैंक की शुद्ध ब्याज आय, उधार देने से ब्याज आय और जमाकर्ताओं को भुगतान के बीच का अंतर 15.7त्न बढक़र 21.05 अरब रुपये हो गया है। बैंक के मुनाफे का प्रमुख संकेतक शुद्ध ब्याज मार्जिन एक साल पहले के 2.50त्न से बढक़र 2.80त्न से हो गया। निजी ऋणदाता के शुद्ध अग्रिम में खुदरा ऋण के नेतृत्व में सालाना 12.3त्न की वृद्धि हुई, जबकि जमा में 10.3त्न की वृद्धि हुई। यस बैंक के ऋण में सालाना 12.3त्न की वृद्धि आई जिसमें सबसे अधिक खुदरा ऋण का योगदान रहा। बैंक के डिपॉजिट में 10.3त्न की वृद्धि दर्ज की गई। बीते कुछ वर्षों में संकट से उबरने की कोशिश में जुटे यस बैंक का मुनाफा घटना चिंता का कारण बन सकता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि बैंक के नीति निर्धारक इस स्थिति से निपटने के लिए क्या स्ट्रेटेजी अपनाते हैं?

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