सेवा को अपने आचरण और व्यवहार में लाये युवा वर्ग: राज्यपाल

जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि युवा वर्ग सेवा को अपने आचरण और व्यवहार में लाये। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के विद्यार्थियों द्वारा किए गये सेवा कार्यों की सराहना की तथा दूसरों से भी समाज के लिए कार्य करने का आह्वान किया। राज्यपाल गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेकर लौटे राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवकों से मंगलवार को यहां राजभवन में संवाद कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आपदा की घड़ी में स्वयंसेवी संगठनों और इनसे जुड़े व्यक्तियों की समर्पण एवं सेवा भावना की सही परख होती है। उन्होंने कहा कि एनएसएस स्वयंसेवकों ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौर में अपने सेवा कार्यों के माध्यम से आमजन को स्वास्थ्य प्रोटोकॉल की पालना करने के लिए प्रेरित किया, जिससे उनमें इस महामारी का सामना करने की हिम्मत, आत्मविश्वास और आत्मबल में वृद्धि हुई।

मिश्र ने कहा कि सेवा कार्यों को समर्पण के साथ संचालित करने के लिए सिर्फ प्रशिक्षण ही पर्याप्त नहीं है बल्कि मन में भाव होना भी जरूरी है। उन्होंने एनएसएस स्वयंसेवकों का आहवान किया कि वे पूरी भावना के साथ संकल्पबद्ध होकर सेवा कार्यों में प्रवृत्त हों। राज्यपाल ने गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होकर लौटे एनएसएस स्वयंसेवकों तथा राष्ट्रपति से एनएसएस राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले स्वयंसेवकों एवं अधिकारियों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर एनएसएस के क्षेत्रीय निदेशक एस पी भटनागर ने संगठन के 2 लाख 5 हजार से अधिक स्वयंसेवकों द्वारा 2100 से अधिक गांव-ढाणियों में जाकर इस वर्ष किये गए पौधारोपण, रक्तदान, पल्स पोलियो टीकाकरण और स्वास्थ्य शिविरों में सहयोग, श्रमदान तथा कोविड-19 की रोकथाम एवं बचाव के लिए चलाई गई जागरूकता गतिविधियों की जानकारी दी।

राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त बुलबुल पाठक और गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेकर लौटे देव कुमावत ने एनएसएस से जुड़े अपने अनुभव साझा किये। राजकीय कला महाविद्यालय अलवर के  आदित्य सैनी ने स्वयं द्वारा बनाया गया राज्यपाल श्री मिश्र का पोटे्रट भी उन्हें भेंट किया। 

इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्दराम जायसवाल, एनएसएस के राज्य सम्पर्क अधिकारी डॉ. धर्मेन्द्र सिंह, राज्य समन्वयक डॉ. बनय सिंह सहित एनएसएस स्वयंसेवक एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।