
पीएम मोदी ने नौसेना को सौंपा पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर

जानिए इसकी ताकत और क्षमता
नौसेना को नया ध्वज भी मिला, इससे ब्रिटिश निशान हटा दिया गया
कोच्ची। नौसेना को उसे शुक्रवार को पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस मिल गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोच्चि शिपयार्ड में आयोजित भव्य समारोह में इस एयरक्राफ्ट कैरियर को नेवी को सौंपा। इस कैरियर में 88 मेगावॉट बिजली पैदा करने की क्षमता के अलावा यह 59 मीटर ऊंचा, 262 मीटर लम्बा और 62 मीटर चौड़ा है। इस पर एक मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पीटल भी मौजूद है। 2 फुटबॉल फील्ड के बराबर रनवे होगा। इस पर कई लड़ाकू विमान तैनात रहेंगे। जो पलक झपकते ही दुश्मन को नेस्तनाबूत कर देंगे। साथ ही एक और बड़ा बदलाव हुआ। नेवी को नया नौसेना ध्वज सौंपा गया। इसमें से अंग्रेजों की निशानी क्रॉस का लाल निशान हटा दिया गया है। अब इसमें तिरंगा और अशोक चिह्न है, जिसे क्करू मोदी ने महाराज शिवाजी को समर्पित किया।
ये सशक्त भारत की शक्ति शाली तस्वीर

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये भारतीयों के लिए गर्व का मौका है। ये भारत की प्रतिभा का उदाहरण है। ये सशक्त भारत की शक्तिशाली तस्वीर है। ये अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है। ये बताता है कि ठान लो तो कुछ भी असंभव नहीं है। हम आज नए सूर्य के उदय के साक्षी बन रहे हैं। इसमें जितनी बिजली पैदा होती है। उससे 5 हजार घरों को रोशन किया जा सकता है। ये दो फुटबॉल ग्राउंड के बराबर है। केबल और वायर कोच्चि से शुरू होकर काशी तक पहुंच सकते हैं। ये जटिलता हमारे इंजीनियर्स की जीवटता का उदाहरण हैं।
नौसेना का नया ध्वज शिवाजी को समर्पित

मोदी ने कहा- शिवाजी की समुद्री ताकत से दुश्मन कांपते थे। आज मैं नौ सेना नया ध्वज छत्रपति वीर शिवाजी महाराज को समर्पित करता हूं। ये नया ध्वज नौसेना के बल और आत्मसम्मान को बल देगा। अब तक नौसेना के झंडे पर गुलामी की तस्वीर थी। इस तस्वीर को हमने हटा दिया है।
आईएनएस विक्रांत ने भारत को नए भरोसे से भर दिया

मोदी ने कहा- विक्रांत विशाल है, ये खास है, ये गौरवमयी है। ये केवल वारशिप नहीं है। ये 21वीं सदी के भारत के कठिन परिश्रम, कौशल और कर्मठता का सबूत है। आज भारत उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो अपनी तकनीक से ऐसे बड़े जहाज बना सकते हैं। आज आईएनएस विक्रांत ने भारतीयों को नए भरोसे से भर दिया है।
नए नौसेना ध्वज को जानिए
इंडियन नेवी को शुक्रवार को नया नौसेना ध्वज यानी निशान मिला। इसमें पहले लाल क्रॉस का निशान होता था। इसे हटा दिया गया है। अब बाईं ओर तिरंगा और दाईं ओर अशोक चक्र का चिह्न है। इसके नीचे लिखा है- शं नो वरुण यानी वरुण हमारे लिए शुभ हों। पहले नौसेना के झंडे पर लाल क्रॉस का निशान होता था। ये सेंट जॉर्ज क्रॉस था, जो अंग्रेजों के झंडे यूनियन जैक का हिस्सा था। सेंट जॉर्ज क्रॉस ईसाई संत और योद्धा की निशानी थी। 2001 में लाल क्रॉस हटाया गया और 2004 में इसे फिर लगा दिया गया। 2001 से 2004 इसमें अशोक चिह्न को रखा गया। 2014 में नीले रंग के अशोक चिह्न के नीचे सत्यमेव जयते लिखा गया।
25 साल बाद विक्रांत का पुनर्जन्म
31 जनवरी 1997 को नेवी से आईएनएस विक्रांत को रिटायर कर दिया गया था। अब तकरीबन 25 साल बाद एक बार फिर से आईएनएस विक्रांत का पुनर्जन्म हो रहा है। 1971 की जंग में आईएनएस विक्रांत ने अपने सीहॉक लड़ाकूम विमानों से बांग्लादेश के चिटगांव, कॉक्स बाजार और खुलना में दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर दिया था।
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