मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सख्ती के बाद प्रदेश में मिलावटखोरों की आई शामत

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग
  • शुद्ध आहार-मिलावट पर वार अभियान से सेहत से खिलवाड़ करने वालों में हड़कम्प

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के सरकार में आने के बाद से प्रदेश में मिलावटखोरी कर आमजन की सेहत से खिलवाड़ करने वालों के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। आमजन को शुद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा प्रदेश भर में की जा रही सख्त कार्रवाई से मिलावटखोरों में हड़कंप सा मच गया है।

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग
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अप्रैल में ही 68 लाख रुपए का जुर्माना-

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में सिर्फ अप्रैल के महीने में ही 2976 नमूने लिए जाकर खराब गुणवत्ता के 304 प्रकरणों, नकली ब्रांड की खाद्य सामग्री बेचने के 12 और असुरक्षित सामग्री के 67 प्रकरणों में कार्रवाई की गई । इनमें न्यायालय द्वारा करीब 68 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग
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जानकारी के मुताबिक जयपुर शहर में ही सिर्फ मई के महीने में नामी बेकरी, कुल्फी, आइसक्रीम शॉप्स, दूध एवं मावा भंडार, तेल मिल, बर्फ डिपो आदि के 30 से अधिक प्रतिष्ठानों सहित फ्रूट- सब्जी मंडी, अनाज मंडी आदि स्थानों पर छापे मार कर कार्रवाई की गई है।

4 महीने में 5982 प्रतिष्ठानों पर छापे-

विभागीय आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में इस साल के शुरुआती 4 महीनों में ही दूध, दुग्ध उत्पादन एवं खाद्य सामग्री बेचने वाले 5982 प्रतिष्ठानों पर निरीक्षण कर 2269 किलोग्राम दूध, 8122 किलोग्राम मावा, पनीर सहित दुग्ध उत्पाद, 1825 किलोग्राम घी एवं तेल, 1886 किलोग्राम मिठाई और 54 हजार किलोग्राम से अधिक अन्य खाद्य सामग्री खराब गुणवत्ता की पाई जाने के कारण नष्ट करवाई गई। प्रदेश भर में की गई कार्रवाई में 88911 किलोग्राम घी एवं तेल, 278 किलोग्राम मिठाई और 7379 किलोग्राम अन्य खाद्य सामग्री जप्त भी की गई है।

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग
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मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि मिलावटी खाद्य एवं पेय पदार्थ आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, शरबत एवं अन्य पेय पदार्थ, मावा, पनीर, मसाले, तेल, घी जैसे खाद्य पदार्थों की खुले में बिक्री पर रोकथाम के लिए होटलों के निरीक्षण व खाद्य सामग्री के सैंपल की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। निरीक्षण के दौरान साफ-सफाई, हाइजीन नहीं पाए जाने पर और खाद्य पदार्थों में मिलावट पाए जाने पर मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी।