
नई दिल्ली। लॉकडाउन में छूट के बाद संक्रमण के मामलों में बड़े पैमाने पर बढ़ोत्तरी की संभावना को देखते हुए, राज्य सरकारें और स्थानीय प्रशासन अपने-अपने इलाकों में हेल्थ केयर इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए भरपूर प्रयास कर रहे हैं।
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पुणे में स्थित मोटर वाहन की एक प्रमुख कंपनी, फोर्स मोटर्स का नाम ऐसी चुनिंदा कंपनियों में शामिल है जो घरेलू स्तर पर हर तरह के एम्बुलेंस के निर्माण और उनकी आपूर्ति करने में सक्षम हैं। कंपनी द्वारा बनाए गए एम्बुलेंस पहले ही दिन से उपयोग के लिए तैयार होते हैं, और हाल ही में लागू किए गए राष्ट्रीय एम्बुलेंस कोड के सभी नियमों का पालन करते हैं।
फोर्स मोटर्स का नाम ऐसी चुनिंदा कंपनियों में शामिल है जो घरेलू स्तर पर हर तरह के एम्बुलेंस के निर्माण और उनकी आपूर्ति करने में सक्षम हैं
टाइप-बी एम्बुलेंस, दरअसल सबसे साधारण और बुनियादी सुविधाओं वाला एम्बुलेंस है जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से ऐसे मरीजों के परिवहन के लिए होता है, जिन्हें अस्पताल तक ले जाने में किसी तरह के उपचार की जरूरत नहीं होती है।
जबकि टाइप-सी या बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस का इस्तेमाल ऐसे मरीजों के परिवहन के लिए होता है, जिन्हें अस्पताल तक ले जाने के दौरान थोड़ी निगरानी की जरूरत होती है, साथ ही उन्हें नॉन-इनवेसिव एयरवे मैनेजमेंट की जरूरत हो सकती है।