राज्यसभा चुनाव में मिला 25 करोड़ का ऑफर, सियासी संकट के समय 60 करोड़ : गुढ़ा

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मंत्री राजेंद्र गुढ़ा
मंत्री राजेंद्र गुढ़ा

जयपुर। सुर्खियों में रहने वाले मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने एक बार फिर राज्यसभा चुनाव में 25 करोड़ का ऑफर मिलने और साल 2020 में सरकार की उठापटक के समय 60 करोड़ का ऑफर मिलने का सनसनीखेज खुलासा किया है। गुढ़ा ने कहा कि राज्यसभा चुनावों के समय एक वोट के बदले 25 करोड़ रुपये देने का ऑफर मिला। दो साल पहले कांग्रेस में बगावत के समय आए सियासी संकट के समय 60 करोड़ रुपये के ऑफर का दावा किया है। उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। गुढ़ा ने यह भी कहा कि जब उन्हें सरकार गिराने और राज्यसभा चुनाव में किसी व्यक्ति को वोट देने के लिए इतना बड़ा ऑफर मिला, तो 60 करोड़ को लेकर मन में एक बार लगा था, लेकिन पत्नी, बेटे और बेटी ने रोका। पत्नी ने कहा कि हमें पैसे नहीं चाहिए। ऐसा करने पर आपकी इज्जत खराब हो जाएगी और हमें इज्जत ही चाहिए।

मंत्री राजेंद्र गुढ़ा

गुढ़ा ने झुंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी में एक निजी स्कूल के बच्चों के सवालों का जवाब देते हुए यह खुलासा किया। गुढ़ा इससे पहले यह भी कह चुके हैं कि बसपा से आने वाले विधायकों ने साथ नहीं दिया होता तो अब तक सरकार की बरसी मन चुकी होती। हालांकि सीएम गहलोत सरकार बचाने का क्रेडिट बसपा मूल के विधायकों, निर्दलियों, सीपीएम और बीटीपी विधायकों को देते आए हैं। गुढ़ा लगातार मुखर होकर बयानबाजी कर रहे हैं। गुढ़ा खुद को कम महत्व का विभाग मिलने से नाराज हैं। बसपा छोड़कर कांग्रेस में आने वाले दो विधायकों को कुछ पद नहीं मिलने और वादे पूरे नहीं करने को लेकर नाराजगी जता चुके हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि गुढ़ा ने राज्यसभा चुनाव और सियासी संकट के समय उन्हें मिले ऑफर के बावजूद सरकार का साथ देने का एहसान गिनाया है।

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गुढ़ा के बयान पर शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि उन्हें किसी ने इस तरह का ऑफर किया होगा, इसके बारे में तो वही बता सकते हैं। यह बात निश्चित है कि राजस्थान में हॉर्स ट्रेडिंग करने की कोशिश कई बार हो चुकी हैं। जो लोकतांत्रिक पद्धति में विश्वास रखता है, वह व्यक्ति उसकी निंदा करेगा। राजस्थान को मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र बनाने की कोशिश कई बार की थी, लेकिन यह हुआ नहीं। राजस्थान में दो-तीन बार कोशिश की गई है, लेकिन यहां लोग मजबूत है, एकजुट है।

इस साल जून में राज्यसभा चुनाव में राजस्थान से चार सीटों के लिए चुनाव हुआ था। इसमें कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को टिकट दिया था वहीं भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी को उम्मीदवार बनाया था जबकि एक मीडिया चैनल के मालिक सुभाष चंद्रा निर्दलीय उम्मीदवार थे और भाजपा ने उन्हें अपना समर्थन भी दिया था। चुनाव में कांग्रेस के तीन और भाजपा के एक उम्मीदवार की जीत हुई और चंद्रा को हार का सामना करना पड़ा था।