8919. पानी बह मुलतान गियाह

  • पहली तो चेती नहीं, मेहंदी रंग कियाह।
  • उण प्यारी का पीव नहिं, पाणी बह मुलतान गियाह।।


हे पगली। तू पहले तो सावधान रही नही और मेहंदी का रंग करने में ही व्यस्त रही। अब जबकि सावधान हुई तो तुम्हारा वह पति नहीं रहा। वह पानी तो बहकर कबका मुलतान दरवाजे से निकल गया।
एक सेठ कहीं व्यापार करने के लिए परदेश गया हुआ था। जब वह व्यापार करके लौट रहा था, तो मार्ग में उसे पीने का पानी नही मिला। प्यास को झेलता हुआ जैसे-तैसे वह अपने गांव लौटा और जल्दी से अपने घर पहुंचा ताकि प्यास बुझा सके। घर में प्रवेश करते ही उसने अपनी पत्नी से पानी मांगा। उस समय सेठानी ने हाथ पैरों में मेहंदी लगा रखी थी। पानी पिलाने के लिए उसे उठना पड़ता था और उठने से पांवों के लगी मेहंदी के बिगड़ जाने की आशंका थी। इसलिए उसने बैठे बैठे ही सेठ से कहा कि मैंने तो मेहंदी लगा रखी है, उठूंगी तो मेरे मेहंदी के पैर बिगड़ जाएंगे। अत: आप स्वयं ही आकर पानी पी लें। सेठ एक तो यात्रा के कारण थका हारा था और दूसरे, उसे अत्यधिक प्यास लगी हुई थी। प्राण कंठ में आ रहे थे। प्यास के मारे व्याकुल सेठ से आगे नहीं बढ गया और वह वहीं बेहोश होकर गिर गया। सेठानी अपने कमरे से बाहर निकली ही नहीं, यही सोचती रही कि पसीना सुखा कर पानी पी लेंगे। लेकिन बेहोश होकर गिरा सेठ वापस नही उठ सका, प्यास के मारे उसके प्राण पखेरू उड़ गए। जब सेठानी ने यह देखा तो वह रोने पीटने लगी। लेकिन अब क्या हो सकता था? मरने के बाद उस सेठ ने फिर जन्म लिया। वह उसी नगर में किसी हमाल के यहां जन्मा। बड़ा होकर हमाली करने लगा। वह अब दिनभर बोरियां ढोने का काम करता था और सायंकाल को घर लौटता था। संयोग की बात यह कि वह उसी सेठानी के यहां किराये पर रह रहा था। एक दिन अपराहन में घर आकर उसने अपने पत्नी से पानी मांगा। संयोग से उस दिन वह भी मेहंदी लगाने बैठी थी। अत: पानी मांगने पर हिचकने लगी कि मुझे अपनी मेहंदी बिगाडऩी पड़ेगी। सेठानी उस समय वही थी। वह भुक्तभोगी थी, सो तुरंत उठी और हाथ धोकर उसे पानी पिलाने लगी। उस हमाल को अपना पूर्वजन्म याद था। तब उसे अपने पूर्वजन्म का वृतांत याद आ गया और उसने उपर्युक्तत दोहा कहा कि यदि तुम उस समय इतनी ही सावधान रहती, तो तुम्हें अपने पति को गंवाना नहीं पड़ता और यह वैधव्य नहीं देखना पड़ता। लेकिन अब क्या हो सकता है, चिडि़एं तो खेत चुगकर चली गई। सेठानी दोहा सुनकर उसका तात्पर्य समझ गई और वह उस हमाल को गौर से देखने लगी, जो पिछले जन्म में उसका पति था।