
कोटा। राजस्थान के कोटा में शिक्षा के नाम पर बड़ी-बड़ी दुकानें खोल कर कुछ धन्ना सेठ बैठ गए हैं और लक्ष्मी कमा रहे हैं। लेकिन शिक्षा के कारोबार में अब शिक्षा माफियाओं के साथ-साथ कालाबाजारी और दलालों का खेल भी शुरू हो चुका है। दलाल शिक्षा के किसी क्षेत्र से जुड़े नहीं होते, बल्कि लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर फेल होने वाले बच्चों को पास करवाने का लालच देकर अपना धंधा चलाते हैं।

दरअसल, जैसे ही अजमेर बोर्ड की बाहरवीं के नतीजे आए, तो राजस्थान में जालसाजों का नया धंधा शुरू हो गया. दलाल छात्रों को कॉल करके नंबर बढ़वाने का लालच देते हैं। महज 3500 से 5000 रुपये में बच्चों को प्रथम श्रैणी में पास करवाने का दावा किया जाता है।
बड़े ही शातिराना ढंग से ये लोगों को अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों और प्रलोभन में फंसाकर, बच्चे के बेहतर भविष्य के सपने दिख कर देते हैं और इस कारनामे को अंजाम देते हैं। बता दें कि, कोटा निवासी राजेन्द्र सॉयल की बेटी जिज्ञासा ने इस बार विज्ञान विषय से बाहरवीं की परीक्षा दी थी, जिसमें इनकी बेटी के नंबर कम आए। किसी तरह से ये जानकारी शिक्षा के दलालों तक पहुंची और शुरू हुई षड्यंत्र की कहानी।
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इसके बाद, इनके पास एक कॉल आया, जिसमें दावा किया गया कि, यह कॉल अजमेर बोर्ड के दफ्तर से की गई है और इनकी बच्ची को फर्स्ट डिवीजन में पास करवाने का दावा किया गया। पास करवाने की बदले में तकरीबन 5000 रुपए की डिमांड की गई और बाकायदा ये दावा भी किया गया कि, आप आधे पैसे पहले दें और आधे पैसे नेट पर बच्ची की अपडेट मार्कशीट चेक करने के बाद दे।