नेपाली महिलाओं ने मनाई हरितालिका तीज,रंगारंग नृत्य प्रस्तुति देकर समां बांधा

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जयपुर। मूल प्रवाह अखिल भारत नेपाली एकता समाज नगर समिति जयपुर उत्तर व दक्षिण के बैनर तले सोमवार को नेपाली समुदाय की महिलाओं ने हरितालिका तीज मनाई। इस दिन नेपाल में महिलाओं की तरफ से भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम किया जाता है। उसी परम्परा को कायम रखते हुए प्रतिवर्ष की भांति इस साल भी राजधानी जयपुर के रामनिवास गार्डन के समीप स्थित स्काउट गाइड कैम्पस में नेपाली समुदाय की महिलाओं ने भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। इसके जरिए नेपाली समुदाय की महिलाओं ने अपने देश नेपाल की संस्कृति को जीवित रखने का संदेश दिया। इस कार्यक्रम में पूरे जयपुर से हजारों की संख्या में नेपाली समाज की महिलाएं एकत्रित हुई।

जयपुर के विभिन्न इलाकों से नेपाल की भेष-भूसा में सजकर आई महिलाओं ने ग्रुप बनाकर सांस्कृतिक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के माध्यम से अपनी कला और संस्कृति का सरक्षण, समाज में व्याप्त कुरीतियों का अन्त्य, देशभक्ति की भावना का विकास व नेपाली समाज को विकास की दिशा में आगे बढ़ाने का आह्वान किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मूल प्रवाह अखिल भारत नेपाली एकता समाज के केन्द्रीय सचिवालय सदस्य धनबीर पुन उपस्थित हुए। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज के दिन भारत के लगभग 350 स्थानों पर मूल प्रवाह अखिल भारत नेपाली एकता समाज के बैनर तले हरितातिलाका तीज मनाई गई।

धनवीर ने कहा कि भारत में रह रहे नेपाली समुदाय की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए यह संगठन विगत 43 वर्षों से क्रियाशील है। नेपाल व भारत के बीच वर्ष 1950 में शान्ति व मैत्री संधि हुई थी। उसी संधि के प्रावधानों तहत नेपाल के नागरिक भारत में और भारत के नागरिक नेपाल में जाकर बिना किसी रोकटोक के अपने नौकरी, पेशा, व्यापार, व्यवसाय इत्यादि कर रहे हैं। वहीं भारत में रह रहे नेपाली नागरिक इस संधि द्वारा दी गई सुविधा व अधिकारों से वंचित हैं।

यह वर्ष 1950 के समझौते का उल्लंघन है। नेपाल व भारत की सरकारें भारत में रह रहे नेपाली समुदाय के नागरिकों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। इस समुदाय के लोगों की मांग है कि वर्ष 1950 की सन्धि के प्रावधानों को लागू की जाए। वर्ष 2016 में वर्ष 1950 की सन्धि की समीक्षा के लिए नेपाल और भारत दोनों देशों के प्रबुद्ध व्यक्तियों के बीच ईपीजी समूह बनाया गया था, जिसमें नेपाल की तरफ से भेष बहादुर थापा, नीलांबर आचार्य, सूर्यनाथ उपाध्याय और राजन भट्टराई हैं और भारत की तरफ से भगत सिंह कोश्यारी, महेन्द्र पी. लामा, जयन्त प्रसाद एवं बीसी उप्रेती शामिल रहे। लेकिन उस ईपीजी का आज तक कोई नतीजा सामने नहीं आया। इसलिए नेपाल और भारत दोनों देशों की सरकारें बैठकर भारत में रह रहे नेपाली नागरिकों की समस्याओं के समाधान के उपाय ढूंढे।

उन्होंने कहा कि इसी तरह वर्तमान में नेपाल की राष्ट्रीयता व जनजीविका संकट में है। नेपाल की वर्तमान सरकार कई घातक और राष्ट्रघाती एजेन्डे जबरजस्ती लागू करने की कोशिश कर रही है। कथित अमेरिकी सहयोग परियोजना “मिलिनियम चेलेंज कम्पैक्ट” को संसद से पास कराना, विदेशियों को सहजता से नागरिकता प्रदान करने जैसे राष्ट्रघाती एजेन्डा संसद से पास कराना इत्यादि इसके ज्वलन्त उदाहरण हैं। सरकार के ऐसे गलत कदमों से कालान्तर में नेपाल के अस्तित्व पर ही सवाल खडा हो सकता है।

ऐसे समय में सबको मिलकर ऐसे राष्ट्रघाती तत्वों के विरूद्ध शक्तिशाली जनमत निर्माण करने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि नेपाल की वर्तमान सरकार के प्रति भारत में रह रहे नेपाली नागरिकों में तीव्र आकोश है। उन्होंने ऐसी परिवेश में सम्पूर्ण नेपाली जन समुदाय को अपने हक, अधिकार और देश की राष्ट्रीयता, सार्वभौमिकता और अखण्डता की रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान भी किया। कार्यक्रम में अन्य अतिथियों में केन्द्रीय समिति के सदस्य मोहन गिरी, बेल बहादुर रजाली, जयपुर दक्षिण से हुमा रजाली, नगर समिति के अध्यक्ष रिम राना, जयपुर उत्तर नगर समिति के अध्यक्ष रामप्रकाश शर्मा, महिला विभाग की दीपा थापा, कल्पना थापा, माया थापा, रामप्रकाश, नारायण ग्याली सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान नेपाली समाज को आगे बढाने के लिए अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाले समाजसेवियों और उत्कृष्ट अंकों से उत्तीर्ण होने वाले नेपाली विद्यार्थियों का सम्मान भी किया गया।