
पाकिस्तान को महत्वपूर्ण साझेदार बता छेड़ी नई बहस
नई दिल्ली। पाकिस्तान को पीछे के रास्ते से सहायता देने की हमेशा रणनीति रही है। इस बार भी उसने ऐसा ही किया है। एफ-16 विमान खरीदने के लिए पाकिस्तान को 45 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता देकर उसे सही कदम ठहराकर अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। अमेरिका ने अन्य देशों की नाराजगी से बचने के लिए पाकिस्तान को यह सहायता पहुंचाने के पीछे की वजह भी साफ कर दी है। उसने कहा कि इस मदद से पाकिस्तान को अपनी सरजमीं पर बढ़ रहे आतंकवाद का सफाया करने में मदद मिलेगी। साथ उसने पाकिस्तान को अपना महत्त्वपूर्ण साझेदार बताया है।
आतंकवाद का सफाया करने में मदद मिलेगी
दरअसल, बाइडन प्रशासन ने आठ सितंबर को पाकिस्तान को एफ-16 युद्धक विमानों के वास्ते 45 करोड़ डॉलर की मदद देने की मंजूरी दी थी। पिछले चार सालों में वाशिंगटन की ओर से इस्लामाबाद को दी गई यह पहली बड़ी सुरक्षा सहायता है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हमने हाल ही में कांग्रेस (संसद) को अवगत कराया है कि हम पाकिस्तानी वायु सेना के एफ-16 विमानों की मरम्मत और रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर देने जा रहे हैं।
जंग में हमारा एक अहम साझेदार
प्राइस ने कहा, पाकिस्तान कई मामलों में हमारा एक महत्वपूर्ण साझेदार है। वह आतंकवाद के खिलाफ जंग में हमारा एक अहम साझेदार है। हम अपनी नीति के तहत अमेरिका में निर्मित उपकरणों की मरम्मत और रखरखाव के लिए सहायता उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने कहा, पाकिस्तान का एफ-16 कार्यक्रम अमेरिका-पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों का एक अहम हिस्सा है और इस मदद से पाकिस्तान को एफ-16 बेड़े की मरम्मत के लिए सहायता मिलेगी, जिससे वह आतंकवाद के वर्तमान और भविष्य के खतरों से निपट सकेगा।
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