
नई दिल्ली
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि सशस्त्र बल मानवाधिकार कानूनों का अत्यधिक सम्मान करते हैं। वे न केवल देशवासियों के मानवाधिकारों की रक्षा करते हैं बल्कि दुश्मनों के अधिकारों की रक्षा करते हैं। जनरल रावत मानव अधिकार भवन में ‘युद्धकाल और युद्धबंदियों के मानवाधिकारों का संरक्षण’ विषय पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के प्रशिक्षुओं और वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। एक बयान में जनरल रावत के हवाले से बताया गया कि भारतीय सशस्त्र बल बेहद अनुशासित हैं और वे मानवाधिकार कानूनों और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का अत्यधिक सम्मान करते हैं। भारतीय सशस्त्र बल न केवल अपने लोगों के मानवाधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करते हैं, बल्कि युद्धबंदियों के साथ भी जिनेवा संधि के अनुसार व्यवहार करते हैं। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत अपने बयानों से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं।