
एमयूजे वेबिनार में अटल इनोवेशन मिशन के मिशन डायरेक्टर ने इनोवेशन को बताया आनंद
शांति, लगन और धैर्य इनोवेशन के तीन मंत्र: जीत कुमार
जयपुर। मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर की लीडरशिप वेबिनार सीरीज ‘एजुकेशन फाॅर जेनरेशन जेड’ में शनिवार को अटल इनोवेशन मिशन के मिशन डायरेक्टर डॉ. रामानन रामनाथन ने कहा कि प्रतिभाओं को इनोवेशन या नवाचार के लिए आवश्यक परिवेश देना जरूरी है।क्योंकि इनोवेशन से ही आनंद, रोजगार सृजन, सामाजिक सरोकार और आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
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इन टाइम टेक के सीईओ और लेखक-प्रेरक जीत कुमार ने कहा कि शांति, लगन और धैर्य इनोवेटर बनने के प्रमुख मंत्र है। एमयूजे प्रेसिडेंट प्रो. जी. के. प्रभु ने मिशन की सराहना करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय की युवा प्रतिभाएं सरकार, उद्योग जगत के साथ मिलकर बेहतरीन इनोवेटर बन कर उभरी हैं और सामाजिक दायित्व पूरा करते हुए रोजगार सृजन कर रही हैं। वेबिनार सीरीज के प्रेरक प्रो एन. एन. शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया, जबकि कार्यक्रम का प्रभावी संचालन डीडी नेशनल के एंकर पुनीत शर्मा और एमयूजे की डिप्टी रजिस्ट्रार एकेडमिक्स डॉ. नीतू भटनागर ने किया।
अटल इनोवेशन मिशन के बारे में बताते हुए डॉ. रामानाथन ने कहा कि भारत में प्रतिभाओं का समुद्र है
अटल इनोवेशन मिशन के बारे में बताते हुए डॉ. रामानाथन ने कहा कि भारत में प्रतिभाओं का समुद्र है, पर ये भारत में वांछित सफलताएं हासिल नहीं कर पा रही थीं, परंतु विदेश में कामयाबी के कीर्तिमान बना रही थी। इसे ध्यान में रखते हुए अटल इनोवेशन मिशन की स्थापना की गयी जिसके तहत शिक्षण संस्थाओं में सरकारी मदद से इनोवेशन सेंटर स्थापित किये गये, जहां सवालों का सम्मान है, कुछ नया कर दिखाने का आनंद है और सृजन के सपने साकार किये जा रहे हैं।
डॉ. रमानन रामनाथन ने कहा कि छात्रों में उत्सुकता होनी चाहिए तभी वे इनोवेटिव प्रयास कर पाएंगे। कल्पना और रचनात्मक जब दिमाग में होते हैं तभी युवा कुछ नया कर पाता है। अपने यहां जब कोई युवा अलग प्रयास करता है तो उसको सपोर्ट नहीं मिलता है। हमारे यहां इको सिस्टम विकसित नहीं है। आज युवा कुछ करना चाहता है तो उसको सपोर्ट भी करना चाहिए। छात्रों को केवल उनके मार्क्स के आधार पर ही आंकलन नहीं किया जाए, हो सकता है कोई बच्चा मार्क्स कम लाए लेकिन कुछ इनोवेशन कर सकता है।
अटल इंक्यूबेशन इनोवेशन सेंटर में दस हजार से अधिक मेंटर्स हैं जो हफ्ते में 4-6 घंटे के लिए स्कूल-कॉलेजों में जाकर छात्रों और शिक्षकों से बात करते हैं। इससे बच्चा खुलकर अपनी बात रखता है। नए आइडिया शेयर करता है। हम जनसंख्या में इतने बड़े हैं लेकिन अफसोस है कि इनोवेशन में बहुत पीछे हैं।
देश में 200 स्मार्टस सिटीज हैं जिन्हें हम अच्छी सुविधा मुहैया कराते हैं तो हर शहर स्टार्टअप हब बन सकता है। स्टार्टअप की कमी का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि देश में केवल 13 फीसदी महिलाओं का स्टार्टअप है। स्थानीय लोगों के साथ मिलकर स्टार्टअप शुरू करना चाहिए। इससे वहां के लोगों के साथ देश को भी फायदा होगा।
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गांव में शिक्षा हासिल कर कामयाबी की नयी दास्तान लिखने वाले जीत कुमार ने कहा कि परिवार का माहौल अगर शांत और प्रेरक नहीं होगा, तो शोध होगा कैेसे? इनोवेशन खेल को खेलना नहीं, आगे जाकर नया खेल सामने लाना है, जिससे मौजूदा समस्याओं का का्रंतिकारी समाधान मिल सके और अनेक युवाओं को रोजगार और अवसर मिल सके। हमें युवाओं की असफलताएं भी स्वीकार करने की जरूरत है क्योंकि सफलता का मुकाम अक्सर तमाम असफलताओं के बाद आता हैं। जीत कुमार ने कहा कि देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। लेकिन युवा जल्दी में है।
वे सबकुछ कम समय में ही पा लेना चाहते हैं। युवा फेल होने से डरते हैं जोकि इनोवेशन के लिए अच्छा नहीं है। इनोवेशन में न केवल समय लगता है बल्कि फेल होना पड़ता है। बिना फेल हुए अब तक बड़े इनोवेशन नहीं हुए हैं। युवाओं को फेल होने से डरना नहीं चाहिए।
आज का युवा केवल समय से कार्ड पंच कर कंपनी में काम करना चाहता है। इससे इनोवेशन नहीं हो सकता है। आपको क्रिएशन और आइडिएशन पर फोकस करना होगा। इनोवेशन में अभिभावक और शिक्षण संस्थाओं की भूमिका पर जीत कुमार ने कहा कि पैरेंट्स और यूनिवर्सिटीज को छात्रों को मोटिवेट करना चाहिए। वे जितनी बार ही प्रयोग करे और असफल हो, उन्हें निराश नहीं करना चाहिए।
वेबिनार में मणिपाल विवि जयपुर के प्रेसिडेंट प्रो. जी.के. प्रभु ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि नया विश्वविद्यालय होने के बाद बावजूद भी मणिपाल विश्वविद्यालय को हाल ही में नैक ए ग्रेड मिलना हमें और आगे काम करने के लिए प्रेरणा देता है। यहां के ग्रीन कैंपस को पूरे उत्तर भारत में सराहना मिली है। कई अवॉड्र्स भी मिले हैं। यहां आठ हजार से अधिक छात्र पढ़ते हैं। इनमें पांच सौ रिसर्च स्कॉलर हैं। 60 अलग-अलग विभागों में 450 से अधिक फैकल्टी हैं। इनमें 75 फीसदी से अधिक पीएचडी हैं।
विश्वविद्यालय के प्रो प्रेसिडेंट प्रो एन. एन. शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय को भारत सरकार की ओर से प्रोजेक्टस मिलना हमें शोध के क्षेत्र में हमें निरंतर कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। मणिपाल विश्वविद्यालय की कोशिश रहती है कि यहां के पढ़ा छात्र केवल खुद के लिए ही जॉब न खोजे बल्कि दूसरों को भी रोजागर देना वाला हो। इसके लिए स्टार्टअप एजुकेशन को बढ़ावा दिया जाता है।
साप्ताहिक वेबिनार की अगली कड़ी में 20 जून को पौराणिक पात्रों को युवाओं में फिर से लोकप्रिय करने वाले लेखक और नेहरू केन्द्र, लंदन के निदेशक अमीश त्रिपाठी लिटरेचर फॉर लाइफ विषय पर संबोधित करेंगे। अमीश त्रिपाठी, साहित्य- संस्कृति से युवाओं के संबंधों से अवगत कराएं। साथ ही पौराणिक पात्रों के आधुनिक दुनिया से रिश्ते पर भी रोशनी डालेंगे।
इसी तरह आगे की साप्ताहिक वेबिनार में 27 जून आध्यात्मिक जगत पर, चार जुलाई की सामाजिक मुद्दों पर और 11 जुलाई को उद्योग, व्यापार और प्रबंधन जैसे मुद्दों पर देश के शीर्ष वक्ताओं का संबोधन होगा। वेबिनार में मणिपाल विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट प्रो. जी.के. प्रभु, प्रो. प्रेसिडेंट प्रो. एन.एन. शर्मा और रजिस्ट्रार प्रो. रविशंकर कामथ एच समेत विवि के सभी शिक्षक, अधिकारी और छात्रों के साथ उनके अभिभावक भी मौजूद थे।