आयुष मन्त्रालय सक्रिय होने लगा.. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले काढ़ा के सूखे पैकेटस वितरित होने लगे

आयुष मन्त्रालय, Ministry of AYUSH
आयुष मन्त्रालय, Ministry of AYUSH

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के वैश्विक संकट में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की देशवासियों के नाम बार बार की जा रही अपील और मीडिया में उठ रही आवाज़ के बाद आयुष मन्त्रालय अब सक्रिय होने लगा है और मन्त्रालय की ओर से अब रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने वाले काढे के सूखे पेकेटस राजधानी दिल्ली में भी वितरित होने लगे हैं।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मन्त्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को उस वक्त सुखद आश्चर्य हुआ जब ये पेकेट्स नई दिल्ली के निर्माण भवन में भी वितरित हुए। आरोग्य भारती दिल्ली के सौजन्य से वितरित इस काढ़े के पाउडर में कालमेघ, चिरायता,तुलसी बीज एवं मुलेठी का मिश्रण हैं।

आयुष मन्त्रालय की ओर से काढे के सूखे पेकेटस राजधानी दिल्ली में भी वितरित होने लगे

उल्लेखनीय है कि जलते दीप ने लिखा था कि पु ता रोडमेप के अभाव में भारत सरकार और राज्य सरकारें आयुष के स बन्ध में प्रधानमंत्री द्वारा की जा रही अपील को धरातल पर नही उतार पा रही है। जाने माने लेखक और वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने अपने स्त भ में लिखा है कि 1994 में जब गुजरात के मशहूर शहर सूरत में प्लेग फैला था तब उनकी सलाह पर वहाँ के तत्कालीन मु यमंत्री ने आयुर्वेदिक काढ़ा और हवन सामग्री के पैकेटस बँटवायें थे और उनका लाभ भी हुआ था।

आयुष मन्त्रालय अब सक्रिय होने लगा है

तब प्रधानमंत्री नरसिंह राव थे और उन्होंने भी इसे प्रोत्साहित किया था। हालाँकि कोरोना के कहर को देखते हुए लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पिछले दिनों आयुष मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी करके सभी राज्य सरकारों को अपने यहां लोगों को आयुष काढ़ा पीने एवं अन्य सलाह दी थी । आयुष मंत्रालय ने कहा था कि इलाज से बेहतर रोकथाम है। चूंकि क़ोरोना वायरस कोविड -19 को रोकने के लिए बाज़ार में अभी तक कोई दवा और वै सीन नहीं आई है।

ऐसी परिस्थितियों में अच्छा होगा कि ऐसे एहतियाती कदम उठाए जाएं, जो इस वक्त हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं। नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में राजस्थान सरकार की डिस्पेंसरी में आयुष की प्रभारी और आयुर्वेद चिकित्सक डॉक्टर मनजीत कौर बताती है कि दिन में एक या दो बार हर्बल चाय पीने या तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सूखी अदरक और किशमिश का काढ़ा पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसके अलावा कोरोना से बचाव के लिये उन्होंने सुबह और शाम दो बार नाक के दोनों नथुनों में तिल या नारियल का तेल या घी लगाने जैसे कुछ आसान आयुर्वेदिक उपाय भी सुझाए हैं।

डॉक्टर मनजीत कौर का कहना है कि हर्बल काढ़ा लेने से कोविड -19 के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। हर्बल काढ़ा में चार औषधीय जड़ी-बूटियों का समावेश किया है, जो भारतीय रसोई में व्यापक रूप से उपयोग में आती हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करने के लिए आयुष काढ़ा आप अपने घर में भी बना सकते हैं।

आयुष काड़ा रेसिपी : तुलसी – 4 पत्ते, दालचीनी छाल – 2 टुकड़े, सोंठ- 2 टुकड़े, काली मिर्च-1, मुनक्का-4 प्रति व्यक्ति के आधार पर हर्बल टी या काढ़ा बनाने के लिए तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, अदरक और मुनक्का को एक साथ पानी में उबाल लें और महीन कपड़े से छानकर इस पानी (उकाली) का सेवन करें।

ऐसा आप दिन में 1 से 2 बार कर सकते हैं। अगर आपको इस काढ़े को पीने में परेशानी आए तो टेस्ट के लिए आप इसमें गुड़ या नींबू का रस मिला सकते हैं। इसी प्रकार सूखी खांसी या गले में सूजन के लिए दिन में एक बार पुदीने की ताजा पत्ती या अजवाइन के साथ भाप ले सकते हैं। खांसी या गले में खराश के लिए दिन में दो-तीन बार प्राकृतिक शक्कर या शहद के साथ लौंग का पाउडर भी लिया जा सकता है।