
बीकानेर। प्रस्तावित बैंकिंग संशोधन विधेयक 2021 के विरोध में देशव्यापी बैंक हड़ताल के दूसरे दिन भी बीकानेर की सभी 200 शाखाएं बंद रही। बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों के नौ संगठनों के संयुक्त मोर्चे यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के बैंककर्मी हड़ताल पर रहे। हड़ताल के दूसरे दिन शुक्रवार को बैंकों के अधिकारी तथा कर्मचारी भारतीय स्टेट बैंक पब्लिक पार्क शाखा के समक्ष एकत्रित हुए।
एनसीबीई से मुकेश शर्मा ने राष्ट्रीयकरण से पहले की कॉर्पोरेट बैकिंग व्यवस्था और राष्ट्रीयकरण के बाद की सामाजिक कल्याणकारी बैंकिंग व्यवस्था का तुलनात्मक विवेचन किया। युएफबीयू के संयोजक वाईके शर्मा योगी ने निजीकरण को जनता की जमा पूंजी की खुली लूट बताते हुए सरकार के ना मानने पर अनिश्चतकालीन हड़ताल तक के संघर्ष का आह्वान किया।
पीपी ब्रांच से आंदोलनकारी पैदल मार्च करते हुए कोर्ट परिसर में नारेबाजी करते हुए कलेक्टर कार्यालय के पास पहुंचे। वहां बैंककर्मियों ने राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण किए जाने के विरुद्ध नारेबाजी की। मानव शृंखला बनाकर विरोध किया। इस दौरान सीताराम कच्छावा, रामदेव राठौड़, मनोज सैनी, चन्द्रकान्त व्यास, जयशंकर खत्री, आनंद ज्याणी, रामप्रताप गोदारा तथा निर्मला गोदारा आदि ने विचार रखे।
हड़ताल के दूसरे दिन जिले की 200 शाखाओं में करीब 20 हजार चेक अटक गए। एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, कैनरा बैंक, यूको बैंक, इंडियन बैंक, यूनियन बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया, पंजाब एण्ड सिंध बैंक, मरुधरा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सेन्ट्रल कॉ-ऑपरेटिव बैंक एवं इंडियन ओवरसीज बैंक आदि कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। वहीं अब शनिवार से बैंक खुलेंगे तो व्यापारियों को राहत मिलेगी।
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