धर्म गुरुओं के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बातचीत, यह लिया फैसला

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धर्म स्थलों को खोलने के संबंध में जिला कलेक्टर की कमेटी धार्मिक स्थलों की स्थिति, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनेटाइजेशन सहित अन्य हैल्थ प्रोटोकॉल के साथ संक्रमण से बचाव के विभिन्न उपायों पर विमर्श कर सुझाव देगी।

जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना महामारी के कारण आमजन के लिए बंद किए गए धर्म स्थलों को पुनः खोलने के लिए शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी धर्मों के धर्म गुरूओं, संत-महंतों, धर्म स्थलों एवं धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा की। चर्चा में आए सुझावों के आधार पर उन्होंने धर्म स्थल खोलने के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने का निर्णय लिया।

गहलोत ने कहा कि यह कमेटी धार्मिक स्थलों की स्थिति, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनेटाइजेशन सहित अन्य हैल्थ प्रोटोकॉल के साथ संक्रमण से बचाव के विभिन्न उपायों पर विमर्श कर धर्म स्थलों को खोलने के संबंध में सुझाव देगी।

कमेटी में पुलिस अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के साथ ही सभी धर्मों के धर्मगुरू, जिले के प्रमुख धार्मिक स्थलों के मुख्य महंत, ट्रस्टी एवं व्यवस्थापक सदस्य के रूप में शामिल होंगे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के मामले जैसे ही सामने आये, राज्य सरकार ने इस चुनौती से निपटने के लिए धर्म गुरूओं, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों, उद्यमियों सहित सभी वर्गों को साथ लिया। हमें गर्व है कि सभी ने प्रशासन का पूरा सहयोग किया और राजस्थान में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में रही।

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पूरे देश में इसकी सराहना हो रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है, ऎसे में धर्म स्थलों को फिर से खोले जाने में आप सबके सुझाव महत्वपूर्ण हैं।

गहलोत ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं कई विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले समय में कोरोना की स्थिति और विकट हो सकती है, ऎसे में हमें पूरी तरह सजग और सतर्क रहना होगा। उन्होंने धर्म गुरूओं, संत-महंत एवं धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों से अपील की कि उन्होंने जिस तरह अब तक इस चुनौती से निपटने में अपनी प्रभावी भूमिका निभाई है, आगे भी लोगों को हैल्थ प्रोटोकॉल सहित अन्य नियमों की पालना के लिए जागरूक करें। उन्होंने कहा कि धर्म गुरूओं के संदेश का समाज में एक अलग प्रभाव होता है।

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि संकट की इस घड़ी को राज्य सरकार ने एक अवसर के रूप में लेते हुए प्रदेश में चिकित्सा के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर राजस्थान की उपलब्धियों की सर्वत्र प्रसंशा हो रही है। प्रदेश की सभी धार्मिक संस्थाओं ने इस लड़ाई में भरपूर सहयोग दिया है।

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि धर्म स्थलों को खोले जाने पर संक्रमण से बचाव को लेकर व्यवस्था, भीड़ के नियंत्रण तथा हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना जैसे विषयों पर आपके सुझाव महत्वपूर्ण होंगे।

इनके आधार पर ही उचित निर्णय लिया जा सकेगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा श्री रोहित कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में अब तक कोरोना के 10 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें से 7384 रोगी ठीक भी हो चुके हैं। अब तक इस दिशा में हमारा प्रबंधन बेहतर रहा है।

राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार ने कोरोना को लेकर समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति फिलहाल नियंत्रित है।

बहुत कम संख्या में इसके गंभीर मरीज सामने आए। जनभागीदारी के बिना यह संभव नहीं था। सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी ने भी विचार व्यक्त किए।

कॉन्फ्रेंस में धर्मगुरूओं एवं धर्म स्थलों के पदाधिकारियों ने कोरोना महामारी से मुकाबले के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाये गए कदमों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सरकार ने मुसीबत के इस दौर में समाज के हर वर्ग को राहत पहुंचाई है। उन्होंने आश्वस्त किया कि वे सरकार के हर निर्णय की पालना में पूरा सहयोग करेंगे। 

वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।