हॉन्गकॉन्ग में चीन के कानून को एक साल पूरा हुआ, अब हजारों लोग हॉन्गकॉन्ग छोड़ ब्रिटेन बसना चाहते हैं

हॉन्गकॉन्ग में चीन का नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू हुए एक साल से ज्यादा हो गया। अब हजारों लोग हॉन्गकॉन्ग छोड़ देना चाहते हैं। उन्होंने दूसरी जगह बसने की योजना बनाई है। इनमें से ज्यादातर लोग ब्रिटेन में जाकर बसना चाहते हैं।

उनका कहना है कि वे ब्रिटेन में शरणार्थी ही रहेंगे। लेकिन शायद वहां रहते हुए शरणार्थी की तरह महसूस नहीं करेंगे। लिन क्वांग हॉन्गकॉन्ग में अच्छा जीवन जी रही थीं। वे एक कॉलेज में अंशकालिक शिक्षिका के तौर पर खेल प्रबंधन पड़ाती थीं।

वे हांगकांग में एक शौकिया ड्रामा क्लब की अध्यक्ष भी थीं। लिन अपने बेटे और परिवार के सदस्यों के साथ हॉन्गकॉन्गमें खुश थीं। लेकिन फरवरी में हॉन्गकॉन्ग के हालात बिगडऩे के बाद उन्होंने अपना घर छोडऩे का फैसला किया।

वे लंदन आ गईं। लिन कहती हैं, ‘ऐसी जगह रहना मुश्किल है, जहां आजादी नहीं है। इतनी जल्द हांगकांग इसलिए छोड़ा, ताकि बेटे पर बुरा असर न पड़े। बेटे को यह न पता चले कि जो बात वह घर में खुलकर बोल सकता है, वह बाहर नहीं बोल सकता।

मैं अपने बेटे को दासता के वातावारण में नहीं पालना चाहती। अब लिन लंदन में नौकरी और बेटे के लिए स्कूल की तलाश कर रही हैं। हॉन्गकॉन्ग छोडऩे वाले अन्य लोगों ने भी कहा कि वे चीन के बजाय ब्रिटेन में अपना घर बनाना पसंद करेंगे। ये लोग ब्रिटेन में कार्यक्रमों का आयोजनों कर एक-दूसरे से जुड़ रहे हैं। आपस में मदद कर रहे हैं। वे यह चर्चा कर रहे हैं कि कैसे ब्रिटिश समाज में अपने लिए जगह बना सकेंगे।

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