
शरीर में कॉपर की मात्रा काफी बढ़ जाने और उसके एक जगह इकठ्ठा हो जाने के कारण ही लोग विल्सन डिसीज नामक बीमारी के शिकार हो जाते हैं। जबकि जब आप इस बीमारी का इलाज कराते हैं तो इस बात की संभावना काफी बढ़ जाती है कि आपके शरीर में कॉपर की मात्रा कम हो जाये। मुंबई स्थित जसलोक एंड अपोलो हॉस्पिटल की लीवर स्पेशलिस्ट डॉ. आभा नागराल बता रही हैं कि अगर आप विल्सन डिसीज का ट्रीटमेंट करा रहे हैं तो इन लक्षणों से कॉपर की कमी को पहचानें।
पहले जानिए कॉपर का शरीर में क्या कार्य है?

शरीर में कॉपर की अधिकांश मात्रा लिवर, मस्तिष्क, हृदय, किडनी और कंकाल की मांसपेशी में पाई जाती है। कॉपर की बहुत अधिक और बहुत कम मात्रा, दोनों मस्तिष्क के काम करने के तरीके को प्रभावित कर सकती है। वैसे तो शरीर में कॉपर की कमी होना काफी दुलर्भ है, हालांकि अगर आपमें यह दिक्कत है तो इसके कारण हृदय रोग, खून की कमी जैसी समस्याओं का जोखिम भी हो सकता है। कुछ शोध बताते हैं कि शरीर में कॉपर के असंतुलन के कारण अल्जाइमर रोग का जोखिम भी बढ़ जाता है।
हृदय और प्रतिरक्षा प्रणाली की हो सकती है दिक्कतें
शरीर में कॉपर की कमी के कारण हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम हो सकता है। अध्ययन के आधार पर शोधकर्ताओं ने बताया कि जिन लोगों को हार्ट फेलियर की समस्या होती है, ऐसे कुछ रोगियों को कॉपर सप्लीमेंट्स से लक्षणों को ठीक करने में फायदा हो सकता है।
हृदय की ही तरह इम्यून सिस्टम को ठीक रखने में भी इसकी विशेष भूमिका है। इसकी कमी न्यूट्रोपेनिया का कारण बन सकती है। यह सफेद रक्त कोशिकाओं या न्यूट्रोफिल की कमी है, जो संक्रमण से लडऩे में मदद करते हैं। न्यूट्रोफिल की समस्या वाले व्यक्ति को संक्रामक रोग होने की आशंका अधिक होती है।
आपकी हड्डियों के लिए भी कॉपर जरूरी

हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रखने में कॉपर की भूमिका हो सकती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों में कॉपर की कमी होती है उनमें हड्डियों का घनत्व कम होने और ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम अधिक हो सकता है। अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि कॉपर, गठिया को रोकने या इसकी जटिलताओं को कम करने में भी मदद कर सकता है। इस उद्देश्य से कई लोग तांबे के कंगन पहनते हैं।
कैसे प्राप्त करें कॉपर?
कॉपर विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। साबुत अनाज ,बीन्स, आलू, गहरे हरे रंग का पत्तेदार साग, कोकोआ, काली मिर्च और मेवे जैसे काजू और बादाम में इसकी मात्रा होती है। आहार के माध्यम से इस पोषक तत्व को प्राप्त किया जाना चाहिए। जिन लोगों में कॉपर की कमी का निदान होता है उन्हें डॉक्टर सप्लीमेंट्स दे सकते हैं। पर बिना डॉक्टरी सलाह के सप्लीमेंट्स का सेवन करना हानिकारक हो सकता है।
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