लौकिक शिक्षा, संस्कारों का बीजारोपण करने के लिए शिक्षा जरूरी : आचार्यश्री

डूंगरपुर। गलियाकोट रोड पर फ्लावर किड्स स्कूल में जैन आचार्य अनुभव सागर जी महाराज के प्रवचन हुए। जैन बोर्डिंग में चातुर्मास कर रहे हैं जैन आचार्य सुबह में नगर से विहार कर विद्यानगर संस्थान में पहुंचे।

विद्यानगर संस्थान के डाया लाल पाटीदार विकास नगर, पुनर्वास कॉलोनी स्कूल के प्रिंसिपल डाया लाल पाटीदार, गोपाल पाटीदार, शिवलाल पाटीदार, प्रेमजी पाटीदार सहित प्रबंध समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों ने आचार्यश्री की अगुवाई की। आचार्य व उनके साथ आए जैन समाज के प्रतिनिधियों को धर्मसभा स्थल पर लाए। जहां पाटीदार समाज ट्रस्ट मंडल की ओर से आचार्यश्री का पादप्रक्षालन किया गया। उसके बाद डाया लाल पाटीदार ने स्वागत उद्बोधन दिया।

आचार्य के प्रवचन से पूर्व जैन समाज के पूर्व ट्रस्टी शरद बोबड़ा, नगर पालिका अध्यक्ष नरेंद्र खोड़निया और पूर्व ट्रस्टी पवन कुमार गोवाडिय़ा ने संबोधित किया। आचार्य ने अपने प्रवचन में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए लौकिक शिक्षा के साथ ही संस्कारों का बीजारोपण करने वाली शिक्षा पर को जरूरी बताया।

उन्होंने कहा कि संस्कार सहित शिक्षा से ही मौजूदा पीढ़ी भावी राष्ट्र का निर्माता बन सकती है। आचार्य ने कहा कि हमारा बालक डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट तथा अन्य व्यवसायिक पदधारी बने या न बने पर पहले सही मायने में इंसान बने यह जरूरी है। आचार्य ने इंद्रियों पर नियंत्रण करने की बात कहते हुए कहा कि जीवन की सफलता के लिए भारतीय संस्कृति और गुरुकुल परंपरा की शिक्षण पद्धति हर काल में प्रासंगिक है।

इस अवसर पर जैन समाज के सेठ महेश कुमार नोगमिया, ट्रस्टी गजेंद्र गोवाडिया, केसरीमल शाह, डॉ पुनीत, डॉ विपिन शाह, डॉ कैलाश जैन, युवा मंच अध्यक्ष अश्विन बोबड़ा, नरेंद्र सेठ, विनय सेठ, नरेश दोसी वैभव गोवाडिया, वरुण पालविया, नलिनी गोवाडिया, दीपक, आनल शाह, दीया गोवाडिया, तिलक नंदिनी शाह, पूजा शाह के साथ ही पाटीदार समाज के पदाधिकारियों व सदस्यों ने गुरु वंदना की। संचालन शरद बोबड़ा और राजेश जैन ने किया।

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