कोविड-19: लॉकडाउन खुलने के बाद पांच एप बनेंगे लाइफ स्टाइल का हिस्सा

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  • कोविड-19 से संबंधित हॉट स्पॉट, परीक्षण व उपचार की देंगे जानकारी

जोधपुर। लॉकडाउन खुलने के बाद स्मार्टफोन ऐप्स ही दुनिया से संपर्क साधने का तरीका बनेंगे। कोविड-19 महामारी के दौरान उस सूची में कई नए ऐप्स भी जोड़े गए। लॉकडाउन खुलने के बाद भी जिन्दगी नॉर्मल से काफी दूर ही रहेगी। एक बार लोग घरों से बाहर निकलना शुरू करेंगे तो यह जरूरी होगा की वह कोविड-19 से संबंधित उभरते हॉटस्पॉट्स की जानकारी रखें और निकटतम परीक्षण व उपचार की सुविधा देने वाली जगहों के बारे में भी जानें। यही नहीं, लॉकडाउन खुलने के बाद भी कई लोग घर से शायद नहीं निकल पाएंगे-जैसे वरिष्ठ नागरिक या बच्चे। उनके लिए स्मार्टफोन ऐप्स ही दुनिया से संपर्क साधने का तरीका बनेंगे।

एप बनेंगे लाइफ स्टाइल का हिस्सा

आरोग्य सेतू एप-भारत सरकार की एक पहल आरोग्य सेतू एप को नागरिकों की सहायता करने के लिए डिजाइन किया गया है, ताकि उन्हें पता चल सके कि वे किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में हैं या नहीं। ऐप सोशल ग्राफ बनाने के लिए स्मार्टफोन में जीपीएस और ब्लूटूथ का इस्तेमाल करता है। उसके आधार पर यह बता सकता है कि क्या ऐप का यूजर किसी ऐसे व्यक्ति के पास है, जो कोविड19 से संक्रमित है। यदि ऐसा होता है, तो यूजर को सेल्फ आइसोलेशन के निर्देश मिलेगा। इसका लाभ उठाने के लिए, यूजर्स को अपने स्मार्टफोन के लूटूथ को ऑन रखना होगा और लोकेशन का ए सेस देना होगा।

मॉय जीओवी एप-कोविड-19 के बारे में काफी अफवाहें फैली हुई हैं। यह जरूरी है कि हम अपने आप को सही सूचना से अवगत कराएं, ताकि खुद के साथ-साथ दूसरों को कोई परेशानी न हो। मॉय जीओवी एप के साथ लोग भारत में कोविड-19 के आधिकारिक मामलों की संख्या पर नजर रख सकते हैं। हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध यह ऐप लगातार सक्रिय मामलों, डिस्चार्ज किए गए मामलों और मौतों की सं या दिखाता है। ऐप में कोविड-19 से जुड़ी जानकारी भी मिलेंगी जैसे मिथ बस्टर्स और विशेषज्ञों की राय।

एप देंगे कोविड-19 से संबंधित हॉट स्पॉट, परीक्षण व उपचार की देंगे जानकारी

मैप माय इंडिया एप-मैप माय इंडिया ने एक कोविड-19 डैशबोर्ड बनाया है। जहां कोई भी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के इनपुट के आधार पर भारत में होने वाले कुल मामलों पर नजर रख सकता है। डैश बोर्ड राज्य स्तर पर भी डेटा प्रदान करता है, साथ ही ट्रीटमेंट सेंटर्स, आइसोलेशन सेंटर्स, भूख राहत केंद्रों और प्रवासी श्रमिकों के लिए राहत शिविर के विवरण भी प्रदान करता है। ऐप के जरिये यूजर्स सरकार और स्थानीय अधिकारियों को कानून या लॉकडाउन के उल्लंघन जैसे मुद्दों पर रिपोर्ट भी कर सकते हैं।

थैक्स एप- खाने-पीने की चीजों की तरह इंटरनेट भी आज के समय की जरूरत बन चुका है। फिर चाहें बात वीडियो कॉल और ऑनलाइन खरीदारी की हो या फिर ऐप पर ऑनलाइन लास और एंटरटेनमेंट का फुल डोज लेने की। यही नहीं, वर्क फ्रॉम होम भी आज के समय की सच्चाई है और बिना इंटरनेट इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसलिए लॉकडाउन के समय और लॉकडाउन के बाद भी इंटरनेट रीचार्ज के लिए एयरटेल थैं स एप जैसे रीचार्ज ऐप का होना बहुत ही जरूरी है। इस ऐप से रीचार्ज करना बहुत ही आसान है। आप अलग-अलग प्लान ले सकते हैं और खुद के साथ-साथ दूसरों का भी रीचार्ज कर सकते हैं।

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प्रैक्टो एप- लॉकडाउन खुलने के बाद भी कई लोगों के लिए घर से निकलना मुश्किल होगा। इसमें वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हैं। टेलीमेडिसिन ऐप्स के जरिए पेशेंट्स अपने डॉक्टर्स के साथ जुड़ सकते हैं और अपना इलाज जारी रख सकते हैं, वो भी अस्पताल या िलनिक जाए बिना। इसके अलावा प्राइवेट लैब्स को कोविड-19 टेस्ट की अनुमति दी गई है और टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म प्रै टो ने इस टेस्ट की ऑनलाइन बुकिंग शुरू की है। इसके अलावा दवाइयां घर मंगवाने के लिए फार्मा ऐप्स की मदद ले सकते हैं। जैसा कि ग्रीन और ऑरेंज जोन में लॉकडाउन में ढील दी गई। उसी तरह उ मीद की जा रही है कि आने वाले वक्त में नियमानुसार ढील दी जाएगी।