
धरियावद क्षेत्र के राउमावि गाडरियावास के सभागार में मासिक प्रशासनिक बैठक हुई
प्रतापगढ़। धरियावद. समग्र शिक्षा धरियावद के साझे में राउमावि गाडरियावास के सभागार में शिक्षा विभाग की मासिक प्रशासनिक बैठक हुई। बैठक में ब्लॉक के समस्त पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी एवं संस्था प्रधान उपस्थित रहे। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कैलाश चंद्र तेली ने ब्लॉक की रैंकिंग सुधारने और मानक संचालन प्रक्रिया गाइडलाइन के पालना करते हुए कक्षा 9 से 12 तक कक्षा शिक्षण करने को प्रेरित किया।
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक वसुमित्र सोनी, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी विष्णु शर्मा, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रतापगढ़ डॉक्टर शांतिलाल शर्मा, कार्यक्रम अधिकारी प्रतापगढ़ राजेश तोमर, संदर्भ अधिकारी प्रतापगढ़ सुधीर वोहरा एवं अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी राम मोहन मीणा आदि शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षा विभाग की गतिविधियों व कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन, मार्गदर्शन पर विचार व्यक्त किए।
जिले के विकास में शिक्षकों की भूमिका विषय पर रविवार को प्रतापगढ़ में आयोजित जनजा ग्रुप अभियान शिविर में ब्लॉक के समस्त शिक्षकों को भाग लेने के लिए निर्देशित किया। बैठक का संचालन संदर्भ अधिकारी प्रवीण सिंह भाटी ने किया। बैठक बाद नव पदस्थापित शिक्षा अधिकारियों का मेवाड़ी पाग व दुपट्टा उड़ाकर स्वागत अभिनंदन किया। बैठक में वाकफिट अध्यक्ष अलका वैष्णव, प्रधानाचार्य नारायण सिंह, कमल नारायण मीणा आदि के द्वारा स्नेह भोज का आयोजन भी किया गया। इस कार्यक्रम में पुष्कराज जैन, गणपत लबाना, भरत त्रिवेदी, प्रवीण सिंह राठौड़, जितेंद्र मीणा आदि ने सहयोग दिया।
प्रतापगढ़ में इस बार भी प्याज की बंपर पैदावार की उम्मीद
प्रतापगढ़ जिले में इस वर्ष प्याज की बंपर पैदावार देखी जा रही है। राजस्थान राज्य में सबसे अधिक प्याज की खेती सीकर और अलवर में की जाती है, लेकिन उसके बाद राजस्थान के प्रतापगढ़ जो मारवाड़ और मेवाड़ से जुड़ा हुआ इलाका है इस इलाके में चित्तौडग़ढ़-प्रतापगढ़ क्षेत्र में भी अब प्याज की खेती पर किसान अधिक ध्यान दे रहे हैं। जिले में अधिक प्याज का उत्पादन करने वाले इलाके दलोट, मोखमपुरा, नाथू खेड़ी, डाबड़ा, सिद्धपुरा, बोरी, थडा, बरडिया इलाकों में अधिकांश किसान बारिश के मौसम में प्याज की खेती करते हैं। प्याज दिसंबर से जनवरी के महीने तक मंडी में पहुंचने शुरू हो जाएंगे।
हालांकि इस बार प्याज के किसानों को प्याज की बुवाई में काफी खर्चा और काफी नुकसान भी उठाना पड़ा। पहले तो तेज गर्मी ने किसानों को रुलाया इसके कारण काफी किसानों के प्याज का बीज खराब हो गया था। जिसके कारण काफी किसानों को भारी मात्रा में नुकसान पहुंचा। समय बीतता गया और प्याज की फसल बढ़ी हुई लेकिन वापस ही बारिश का मौसम आया और प्याज की फसल की जड़ों को जमीन के कीड़ों ने काटना शुरू किया जिसके कारण प्याज किसानों के कई हेक्टर प्याज की बर्बादी हो चुकी है।
उचित दाम नहीं मिलना भी एक समस्या
अगर किसान सही सलामत प्याज को पैदा करके मंडी तक भी पहुंचा देता है तो उसे वहां भी निराशा हाथ लगती है। प्रतापगढ़ जिले की एकमात्र अ-श्रेणी कृषि मंडी में किसानों के प्याज को कौडिय़ों के दाम में खरीदा जाता है।
हालांकि इस बार प्याज के भाव फिलहाल तो ठीक चल रहे हैं लेकिन नवंबर तक इन में कितना परिवर्तन होता है यह देखना होगा। वर्तमान में प्याज के भाव प्रति क्विंटल पर 510 से 1470 तक चल रहे हैं। जो नीमच, मंदसौर के मुकाबले काफी कम रहते हैं। जिसके कारण किसानों को निराशा हाथ लगती हैं।
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