पीठ का दर्द है तो ना करें लापरवाही, ऐसे उठने-बैठने से हो सकती है समस्या

पीठ दर्द
पीठ दर्द

हम सभी ने जीवन में किसी ना किसी दर्द को महसूस किया ही होगा। कुछ दर्द ऐेसे होते हैं जिनसे हमें ज़्यादा परेशानी नहीं होती। वहीं कुछ प्रकार के दर्द हमारे दिनचर्या के कामों में बाधा बन जाते हैं। और कई ऐसे दर्द भी हैं जो हमारे लिए एक बड़ी समस्या खड़ी कर देते हैं और हमें डॉक्टर की सहायता लेनी पड़ती है। आज मेवाड़ हॉस्पीटल की टीम बात करने जा रही है एक ऐसे सामान्य दर्द की जिसके प्रभाव से हममें से कई लोग परिचित हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं पीठ दर्द की। इस बिंदु पर बात करने से पहले आइए सबसे पहले जानते हैं रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कुछ बातें।

रीढ़ की हड्डी, जिसे बैकबॉन या स्पाइनल कॉलम भी कहा जाता है, हमारे शरीर के सबसे मज़बूत भागों में गिनी जाती है। यह 24 हड्डियों से बनी होती है जिसे वर्टिब्रा कहा जाता है जो एक दूसरे के ऊपर होती हैं। इनके बीच में डिस्क और इर्द-गिर्द लिगामेन्ट्स और मांसपेशियां मौजूद होती हैं।

बैकपेन के कुछ संभावित कारण

पीठ दर्द
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बैक पेन के कई मुख्य कारणों में मोच, तनाव या हर्नियेटेड डिस्क जैसी चोटें भी शामिल, जो पीठ के निचले हिस्से में गंभीर दर्द का कारण बन सकती है। इसके अलावा कुछ अंद्रूनी चिकित्सीय समस्याओं के कारण भी पीठ के निचले हिस्से में दर्द बढ़ जाता है। वहीं कुछ गंभीर मामलों में, संक्रमण, ट्यूमर या गुर्दे की पथरी भी बैक पैन के रूप में प्रकट हो सकती है। इसके अलावा डीजनरेटिव डिस्क डिजीज, गठिया और साइटिका जैसी स्थितियां पीठ के निचले हिस्से में गंभीर दर्द का कारण बन सकती हैं। अगर आप इनमें से किसी भी स्थिती से जूझ रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

बैकपेन से राहत के उपाय

पीठ दर्द
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पॉश्चर में सुधार : बैठने, खड़े होने और उठाने के दौरान सही पॉश्चर बनाए रखने से पीठ के निचले हिस्से में दर्द का खतरा काफी कम हो सकता है। सीधी पीठ के साथ बैठना, कंधों को शिथिल रखना और एर्गोनोमिक कुर्सी का उपयोग करने से पीठ के निचले हिस्से पर तनाव कम हो सकता है। इसके अलावा कुछ भी भारी सामान को उठाते समय ध्यान दें कि पैरों का उपयोग किया जाए न कि पीठ का।

नियमित रूप से व्यायाम करें

नियमित एक्सरसाइज से पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत करने और लचीलेपन में सुधार करने में मदद मिल सकती है। पीठ के निचले हिस्से के दर्द को मैनेज करने के लिए चलना, तैरना और हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग जैसे व्यायाम प्रभावी हो सकते हैं।

गर्म-ठंड थेरेपी अपनाएं

हॉट शावर मांसपेशियों को आराम दे सकता है और शरीर के उस हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकता है, जबकि एक आइस पैक के इस्तेमाल से उस जगह को सुन्न करके सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है।

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