
शंख को हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि देवी लक्ष्मी शंख में ही निवास करती हैं, इसलिए भगवान विष्णु को भी शंख अति प्रिय है और वह इसे धारण करते हैं। यह बहुत ही पवित्र होता है इसलिए इसे कई लोग घर के मंदिर में भी रखते हैं। मगर क्या आपको पता है कि घर के मंदिर में शंख रखने के नियम क्या होते हैं? शंख घर में मौजूद नकारात्मकता को नष्ट करता है, इसलिए यह वास्तु शास्त्र के लिहाज से विशेष है। पूजन के समय रोजाना घर में शंख बजाना चाहिए। घर में शंख ध्वनि का गुंजन सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
कैसे करें शंख की पूजा

शंख की पूजा करने का एक विशेष विधान है जिसका ध्यान रखा जाना जरूरी है। सबसे पहले स्नान कर साफ सुथरे कपड़े पहनें। उसके बाद एक पात्र में शंख को दूध, गंगाजल आदि से स्नान करवाएं। साफ कपड़े से पोंछ कर दूध तथा केसर मिश्रित घोल से शंख पर श्री एकाक्षरी मंत्र लिखे और उसे ताम्बे अथवा चांदी के पात्र में स्थापित कर दें। अब इस पर रोली अक्षत और सफेद पुष्प चढ़ाएं फिर धूप और घी का दीपक जलाएं। इसके बाद सच्चे मन से शंख का ध्यान करें।
शंख पूजन के बाद करें ये काम
पूजा के समय शंख में भरकर रखा गया जल का आरती के बाद छिडक़ाव करने से शारीरिक व मानसिक विकारों से मुक्ति मिलती है। साथ ही, जीवन में सौभाग्य का उदय होने लगता है।
इन बातों का रखें ध्यान
शंख के अंदर जल भरकर नहीं रखना चाहिए। शंख को धरती पर भी नहीं रखना चाहिए। इसे हमेशा एक साफ कपड़ा बिछाकर रखें। पूजन के समय शंख में जल भरकर रखा जा सकता है। शंख को पूजा के स्थान पर रखते समय खुला हुआ भाग ऊपर की ओर होना चाहिए। इसे हमेशा भगवान विष्णु, लक्ष्मी या बाल गोपाल की मूर्ति के दाहिनी ओर रखें।

धन की प्राप्ति के लिए शंख को 108 चावल के दानों के साथ लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में स्थापित करें। इससे आर्थिक स्थिति में लाभ होता है।
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