डॉ. आईदान व डॉ. नीरज को मिला मनुज साहित्य सम्मान

चूरू। नगरश्री में रविवार को डॉ. ओपी शर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं पं. मधुकर गौड़ सार्थक साहित्य संस्थान की ओर से साहित्य सम्मान हुआ। बीकानेर के डॉ. नीरज दइया को 2020 का एवं जोधपुर के डॉ. आईदान सिंह भाटी 2021 का मनुज साहित्य-सम्मान दिया गया। श्रीडूंगरगढ़ के डॉ. चेतन स्वामी को पं. मधुकर गौड़ सार्थक साहित्य-सम्मान से अलंकृत किया गया।

डॉ. आईदान सिंह भाटी के बालगीत संग्रह का लोकार्पण भी हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार डॉ. सुरेन्द्र सोनी ने कहा कि स्मृति को संरक्षित रखना भारतीयों के इतिहास बोध का परिचायक है तथा पिता की स्मृति को साहित्यकारों का सम्मान करके अमिट बनाए रखना समाज में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। दोनों ही संस्थाओं द्वारा सम्मान स्वरूप प्रत्येक साहित्यकार को सम्मान-पत्र, शॉल, श्रीफल, स्मृति-चिह्न एवं ग्यारह हजार रुपए भेंट किए गए।

अतिथियों का स्वागत करते हुए स्नेहलता शर्मा ने ट्रस्ट की गतिविधियों की जानकारी दी। इस दौरान मधुकर गौड़ की पत्नी पाना देवी गौड़ उपस्थित थीं। श्यामसुंदर शर्मा, डॉ. सुरेन्द्र शर्मा, विनोद मेहता, जितेन्द्र मेहता, राजेन्द्र मुसाफिऱ, रवीन्द्र शर्मा, सुरेश शर्मा एडवोकेट, ओमप्रकाश तंवर, दूलाराम सहारण, विजयकांत शर्मा आदि ने अतिथियों का स्वागत किया।

ज्योति मेहता ने डॉ. कमल वशिष्ठ के निर्देशन में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। ट्रस्टी रवीन्द्र शर्मा ने आभार जताया। संचालन प्रो. कमल सिंह कोठारी ने किया। इस अवसर पर निधि गौड़, आशा कोठारी, डॉ. मंजु शर्मा, राज जैन, बाबूलाल शर्मा, डॉ. भवानीशंकर शर्मा, डॉ. केसी सोनी, देवांश, आशुतोष, मनमीत, प्रणव सहित अनेक प्रबुद्ध श्रोता उपस्थित थे।

साहित्यकारों ने कहा-मायड़ भाषा का गौरव बढ़ाने के लिए काम करें

कमलेश गौड़ ने संस्थान की भावी योजनाओं की जानकारी दी। सम्मानित हुए साहित्यकार डॉ. दइया ने कहा कि साहित्यिक अभिरूचि पैदा करने के लिए साहित्यकारों व संस्थाओं के ऐसे आयोजन महत्वपूर्ण हैं।

हम सबको मिल कर मायड़ भाषा राजस्थानी के गौरव को बढ़ाने के कार्य करने चाहिए। डॉ. भाटी ने कहा कि डिंगल का नाद सौंदर्य राजस्थानी के आधुनिक काव्य में परिलक्षित होने से वह अधिक सार्थक हो जाता है। डॉ. स्वामी ने कहा कि स्मृतिशेष मधुकर गौड़ ने हिन्दी व राजस्थानी दोनों भाषाओं की अपनी क्षमता के अनुसार खूब सेवा की।

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