असम पुलिस पर फेक एनकाउंटर के आरोप लगे, दिल्ली के वकील ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई

असम पुलिस पर फेक एनकाउंटर के आरोप लगे हैं। राज्य में 40 दिन में ऐसी 20 घटनाएं हुईं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान पुलिस की गोली से कम से कम 13 संदिग्ध अपराधी मारे गए। जबकि दुष्कर्म और पशु तस्करी के 10 से ज्यादा आरोपी घायल हुए।

असम में दो महीने पहले भाजपा नेता हेमंत बिस्वा सरमा मुख्यमंत्री बने हैं। ऐसे में उनके कार्यकाल में फेक एनकाउंटर बढऩे के आरोप लगाए जा रहे हैं। दिल्ली के एक वकील आरिफ जवादर ने इस मामले में शनिवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है और दखल देने की मांग की है।

वकील जवादर का आरोप है कि असम पुलिस ने फेक एनकाउंटर में छोटे अपराधियों को मार गिराया है। पुलिस कहती है कि अपराधियों ने उनसे हथियार छीन लिए और जवाबी कार्रवाई में मारे गए। इस पर जवादर का सवाल है कि यह कैसे संभव है? एक ट्रेंड पुलिस अधिकारी से कोई कथित अपराधी हथियार कैसे छीन सकता है, जबकि पिस्तौल कमर की बेल्ट से बंधी होती है।

राज्य में नगांव जिले में रविवार को गोलीबारी की दो घटनाएं हुईं। इसमें नगांव के नजदीक ढिंग में पुलिस ने डकैत जैनल आबेदीन को मार गिराया। इस बारे में नगांव के एसपी आनंद मिश्रा ने कहा कि हमें सूचना मिली थी कि आबेदीन अपनी गैंग के साथ नागांव इलाके में एक घर को लूटने जा रहा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें सरेंडर करने की चेतावनी दी, लेकिन उन्होंने गोलियां दागनी शुरू कर दीं।

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