वित्त मंत्री ने मजूदर, गरीब, किसान को दी सौगात

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, nirmala sitaraman
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, nirmala sitaraman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत गुरुवार को लगातार दूसरे दिन राहत पैकेज का बेकअप बताया। उन्होंने कुल 9 घोषणाएं कीं। इनमें से 3 घोषणाएं प्रवासी मजदूर, 2 छोटे किसानों और एक-एक घोषणा मुद्रा लोन, स्ट्रीट वेंडर्स, हाउसिंग और आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार से जुड़ी थी।

  • अगस्त तक 67 करोड़ गरीबों के लिए एक देश-एक राशन कार्ड
  • 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को 2 महीने मुफ्त अनाज,
  • 2.5 करोड़ किसानों को 2 लाख करोड़ का कर्ज

8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को अगले दो महीने तक मुफ्त राशन
5 किलो गेहूं या चावल और 1 किलो चना प्रति व्यक्ति दिया जाएगा। जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में नहीं हैं या जिनके पास राज्यों की तरफ से मिले गरीबी कार्ड नहीं हैं, वे भी मुफ्त अनाज ले सकेंगे। केंद्र सरकार 3500 करोड़ रुपए खर्च करेगी। राज्य सरकारों को इस पर सिर्फ अमल करना होगा। कल से अगले दो महीने तक।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत गुरुवार को लगातार दूसरे दिन राहत पैकेज का बेकअप बताया।

अगले तीन महीने में एक देश-एक राशन कार्ड
अभी तक प्रवासी मजदूरों और गरीबों को अपने राशन कार्ड के जरिए दूसरे राज्यों में जाने पर अनाज नहीं मिल पाता था। ऐसे गरीबों के लिए सरकार एक देश-एक राशन कार्ड लाएगी। प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में भी कंट्रोल की दुकानों से राशन ले सकेंगे।

मार्च 2021 देशभर में एक देश-एक राशन कार्ड सुविधा शुरू हो जाएगी। लेकिन इससे पहले अगस्त तक 23 राज्यों में 67 करोड़ गरीबों को राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी का फायदा मिलेगा। इस तरह अगस्त तक प िलक डिस्ट्रि यूशन सिस्टम का फायदा उठाने वाली 83 प्रतिशत आबादी एक देश-एक राशन कार्ड के दायरे में आ जाएगी

प्रवासी मजदूरों को कम किराए के मकान मिलेंगे
पीएम योजना के तहत कम किराए के मकान की स्कीम लॉन्च होगी। प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों को इसका फायदा मिलेगा। पब्लिक-प्राइवेटपाटर्नरशिप के जरिए सरकारी की फंडिंग वाली हाउसिंग स्कीम को इस स्कीम में बदला जाएगा। उद्योगपति, मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स और संस्थानों को भी इसेंटिव दिए जाएंगे ताकि वे अपनी जमीनों पर अपनी यूनिट्स में काम करने वाले मजदूरों के लिए किराए के मकान बना सकें।

मुद्रा लोन लेने वालों को राहत
छोटे कारोबारियों को कोरोना और लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। उन्हें सरकार कर्ज पर लगने वाले याज में 2 प्रतिशत की छूट देगी। उन 37 लाख छोटे कारोबारियों को, जिनका कारोबार अभी शुरुआती दौर में है और जिन्होंने 50 हजार रुपए तक का कर्ज लिया है। सरकार इसके लिए 1500 करोड़ रुपए खर्च करेगी। जो कारोबारी तय वक्त पर कर्ज चुका रहे हैं, उन्हें अगले 12 महीने तक लगने वाले याज में 2 प्रतिशत की रियायत मिलेगी।

6 लाख से 18 लाख की सालाना आमदनी वालों को हाउसिंग लोन पर सब्सिडी
मई 2017 में सरकार मिडिल इनकम ग्रुप के लोगों के लिए हाउसिंग लोन लेने पर सब्सिडी की योजना लाई थी। अब तक इससे 3.3 लाख मध्यम वर्गीय परिवारों को फायदा मिला है। पहले यह स्कीम 31 मार्च 2020 तक थी। इसे मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए जारी रखा गया है। ऐसे 2.5 लाख मध्यम वर्गीय परिवारों को, जिनकी सालाना आमदनी 6 लाख से 18 लाख रुपए तक है। इन्हें याज में अलग-अलग छूट मिलेगी। सरकार 70 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। 31 मार्च 2021 तक इसका फायदा ले सकेंगे। अनुमान है कि इससे हाउसिंग सेक्टर में डिमांड बढ़ेगी। सीमेंट और कंस्ट्र शन मटेरियल की सप्लाई में तेजी आएगी।

50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स के लिए 5 हजार करोड़ रुपए
स्ट्रीट वेंडर्स को 10 हजार रुपए तक का स्पेशल क्रेडिट मुहैया कराया जाएगा ताकि उनकी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए उनके पास कैश रहे। 50 लाख ऐसे स्ट्रीट वेंडर्स को, जिनकी आमदनी पर लॉकडाउन की वजह से असर पड़ा है। अगर स्ट्रीट वेंडर्स डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देते हैं तो उन्हें रिवॉर्ड मिलेंगे। अगर 10 हजार रुपए के एडवांस को चुकाने का उनका रिकॉर्ड अच्छा रहता है तो इसकी लिमिट भी बढ़ाई जाएगी। सरकार इस पर योजना पर 5 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। सरकार एक महीने के अंदर स्कीम लॉन्च करेगी।

2.5 करोड़ किसानों के लिए 2 लाख करोड़
किसानों को कम ब्याज दरों पर कर्ज की सुविधा मिलेगी। याज दरों पर छूट कितनी होगी, यह अभी साफ नहीं है। 2.5 करोड़ किसान, मछुआरे और पशु पालने वाले इसका फायदा उठा सकेंगे। यह फायदा किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए दिया जाएगा। सरकार ने इसके लिए 2 लाख करोड़ रुपए दिए हैं। सरकार ने यह साफ नहीं किया।

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किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की मदद
फसलों के लिए किसानों को कर्ज आसानी से मिले, इसके लिए सरकार नाबार्ड की मदद करेगी। 3 करोड़ छोटेसीमांत किसानों को, जिनके पास पैसों का संकट रहता है। जिन किसानों के पास खेती के लायक 1 हेक्टेयर से कम जमीन होती है, ऐसे किसानों को सीमांत किसान कहा जाता है। सरकार नाबार्ड के जरिए ग्रामीण सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को 30 हजार करोड़ रुपए मुहैया कराएगी। यह पैसा आगे जाकर 33 राज्यों की सहकारी बैंकों, 351 जिला सहकारी बैंकों और 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों मिलेगा। सरकार ने यह साफ नहीं किया है।

आदिवासियों के रोजगार के अवसर
शहरी, गांवों और कस्बाई इलाकों में आदिवासियों के लिए रोजगार के मौके बढ़ाए जाएंगे। इसके लिए सरकार 6000 करोड़ रुपए खर्च करेगी। जंगलों, वन्यजीवों की हिफाजत, पौधे लगाने, मिट्टी सहजने जैसे कामों में रोजगार दिए जाएंगे। राहत पैकेज के अलावा किसानों के लिए इंटरेस्ट सब्वेंशन स्कीम 31 मई तक बढ़ाने का फैसला सरकार ने छोटे किसानों के लिए इंटरेस्ट स वेंशन स्कीम और वक्त पर कर्ज चुकाने पर इंसेटिव देने की स्कीम बढ़ा दी है।