वेतन नहीं मिलने पर रोष, कार्य बहिष्कार किया

अजमेर। शहर के माखुपुरा स्थित महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में वेतन नहीं मिलने के विरोध में शिक्षकों और गैर शिक्षक कार्मिकों ने हड़ताल कर दी। हालांकि इस दौरान प्रवेश प्रक्रिया के तहत किया जाने वाला काम चलता रहा। कार्मिकों का आरोप है कि कॉलेज के पास सोसायटी फंड में 205 करोड़ रुपए और होस्टल फंड में 4.5 करोड़ रुपए होने के बाद भी अक्टूबर माह का वेतन अब तक नहीं मिला है, जबकि नवंबर माह भी बीत गया। विरोध में शिक्षकों और कार्मिकों ने कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया।

हालांकि दोपहर बाद दूसरे मद से वेतन जारी करने की मंजूरी कॉलेज प्रशासन को मिल गई। वेतन बुधवार को खाते में डालने की बात कॉलेज प्रशासन ने की है। प्रदेश के 11 इंजीनियरिंग कॉलेजों में से ज्यादातर में वेतन और अन्य भत्तों के भुगतान को लेकर पिछले साल भी हड़ताल हुई थी। जब यह मामला बढ़ा था तब सीएम ने बजट घोषणा में इंजीनियरिंग कॉलेजों को स्टेट यूनिवर्सिटी के संघटक कॉलेजों के तौर पर शामिल करने की घोषणा की थी। बड़लिया स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज और माखुपुरा स्थित महिला इंजीनियरिंग कॉलेज को बीकानेर टेक्नीकल यूनिवर्सिटी के अधीन करने की घोषणा की गई थी।

पूरा माह गुजरा, नहीं मिला वेतन

राजस्थान अभियांत्रिकी कॉलेज शिक्षक संघ रेक्टा का आरोप है कि अक्टूबर माह का वेतन जारी नहीं किया गया। वेतन के लिए कॉलेज के पास पैसा नहीं है। हॉस्टल मद में 4.5 करोड़ रुपए और सोसायटी फंड में 2.5 करोड़ रुपए हैं। कॉलेज प्रशासन की मजबूरी यह है कि किसी अन्य मद से वेतन का भुगतान नहीं किया जा सकता।

शिक्षकों और कार्मिकों ने मंगलवार को कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया। कॉलेज प्राचार्य डॉॅ जेके डीगवाल इसी मामले का हल निकालने बीकानेर गए थे। बीकानेर से अन्य मद से राशि लेकर अक्टूबर माह का वेतन जारी करने की मंजूरी उन्होंने ले ली है। प्राचार्य ने बताया कि बुधवार तक वेतन जारी कर दिया जाएगा। रेक्टा के पदाधिकारियों ने कॉलेज के उप कुलसचिव पुष्पेंद्र कुमार ने रेक्टा के पदाधिकारी के खिलाफ गलत टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया है।

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