
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने कोरोना महामारी के खिलाफ जारी जंग में लॉकडाउन से लेकर चिकित्सा के जुड़े फैसले और प्रयास की पूरे देश में चर्चा है। ऐसे में गहलोत सरकार ने आम जन का ख्याल भी रखा है पानी व बिजली के बिलों के अलावा किराएदारों से सख्ती ना करने जैसे फैसले लेकर भी जनता का दिल जीता है।
गहलोत सरकार ने अब एक ओर फैसला लेकर सबको चौंका दिया है। गहलोत सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूल संचालकों को विद्यार्थियों से तीन माह की अग्रिम फीस नहीं लेने के निर्देश दिए हैं। फीस के अभाव में किसी भी छात्र का नाम नहीं काटा जाए।
गहलोत सरकार ने तीन माह की अग्रिम फीस नहीं लेने के निर्देश दिए
गहलोत ने कहा, कॉन्फ्रेंस में निर्णय लिया गया कि प्रदेश के सभी उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा से जुड़े संस्थानों में 15 अप्रैल से ग्रीष्म अवकाश घोषित किया जा सकता है। लेकिन स्कूलों में 15 अप्रैल से ग्रीष्म अवकाश नहीं होगा।
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साथ ही, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय से सम्बद्ध संस्थानों में लॉकडाउन हटने के बाद आठवें सेमेस्टर की परीक्षाएं प्राथमिकता से करवाने का भी निर्णय लिया गया।
इसके अलावा उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग करने के लिए जनता से अपील की है। प्रदेशवासियों से अपील है कि वे लोगों की जीवन की रक्षा के लिए जुटे स्वास्थ्यकर्मियों का पूरा सहयोग करें। ये स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर आपकी सुरक्षा के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।
ऐसे में प्रदेश को कोरोना से बचाने के लिए सबकी जिम्मेदारी है कि हम बिना किसी डर और संकोच के स्क्रीनिंग एवं जांच सहित अन्य कार्यों में स्वास्थ्यकर्मियों का आगे बढक़र सहयोग करें। यह आपके अपने हित में है।
कोरोना की रोकथाम की मुहिम में शामिल सभी स्वास्थ्यकर्मियों एवं अन्य कर्मचारियों को सभी आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए जाएं। साथ ही, उनकी सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध हों।
लॉकडाउन खुलने पर मेडिकल सुविधा के लिए क्या प्रोटोकॉल होगा उसकी अभी से प्लानिंग करने के निर्देश भी दिए।