कल आ सकती है खुशी की खबर, मजदूरों के काफी नजदीक पहुंचे हम, यह फॉर्मूला आया काम

सुरंग में मजबूर
सुरंग में मजबूर

उत्तरकाशी। सुरंग में फंसे 41 मजदूरों का हौसला बढ़ाने में कोविड का फॉर्मूला भी काम आया। जिला अस्पताल में तैनात वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. प्रेम पोखरियाल ने बताया कि कोरोना काल में कोरोना से संक्रमित मरीजों को यह कहा जा रहा था कि ईश्वर आपके साथ हैं। सब आपकी मदद कर रहे हैं। आप जल्दी बाहर निकलोगे। यहां भी इन्हीं शब्दों ने मजदूरों का हौसला बढ़ाया। डॉ. पोखरियाल उन चिकित्सकों में शामिल हैं जिन्हें सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के स्वास्थ्य पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्होंने बताया कि कोरोना मरीजों को खुद पर भरोसा रखने के साथ यह कहते थे कि आप विजयरत्न हो, ईश्वर आपके साथ है। सब आपकी मदद कर रहे हैं। आप जल्द बाहर निकलोगे। यहां भी उन्होंने जब अंदर फंसे मजदूरों से बात की तो मजदूरों से ईश्वर पर भरोसा रखने को कहा।

आर्नोल्ड डिक्स ने की रेस्क्यू ऑपरेशन की सराहना

सुरंग में मजदूर
सुरंग में मजदूर

इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन (आईटीए) के अध्यक्ष प्रो.आर्नोल्ड डिक्स ने सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की सराहना की है। उन्होंने कहा कि सुरंग से जुड़े हादसों में जब वह बचाव के लिए पहुंचते हैं तो ज्यादातर में अंदर फंसे लोगों की मौत हो चुकी होती है। जबकि यहां वह जिंदा है और उन्हें बहार निकालने के लिए रात-दिन प्रयास किए जा रहे हैं। आईटीए के अध्यक्ष प्रो. आर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए विभिन्न विकल्पों पर एक साथ काम किया जा रहा है। प्रत्येक विकल्प में खतरे को भांप कर काम किया जा रहा है।

12 नवंबर से फंसे मजदूरों ने ब्रश किया और कपड़े बदले

सुरंग में मजदूर
सुरंग में मजदूर

12 नवंबर से सुरंग के भीतर फंसे 41 मजदूरों ने बुधवार को ब्रश किया और कपड़े भी बदले। मजदूरों के लिए जरूरी खाद्य सामग्री के साथ ही कपड़े और दवाइयां भी भेजी गई। एनएचआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद ने बताया कि चार और छह इंच के लाइफ पाइप से लगातार मजदूरों को खाद्य सामग्री भेजी जा रही है। उन्होंने बताया कि बुधवार को उन्हें रोटी, सब्जी, खिचड़ी, दलिया, संतरे और केले भेजे गए।

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