उदयपुर में भारतीय नववर्ष पर निकली भव्य शोभायात्रा

नीति गोपेन्द्र भट्ट

उदयपुर। विख्यात आध्यात्मिक गुरु साध्वी ऋतंभरा दीदी ने कहा कि दक्षिणी राजस्थान के ऐतिहासिक नगर डूंगरपुर के पूर्व सभापति के के गुप्ता ने स्वच्छता के क्षेत्र में अनोखा कार्य कर अपने शहर डूंगरपुर को विश्व पटल पर अमिट पहचान दिलाई गई है। स्वच्छता के संकल्प को इतिहास में बदलना गुप्ता के जीवन का बेजोड़ और अनुकरणीय उदाहरण है।

साध्वी ऋतंभरा झीलों की नगरी उदयपुर में भारतीय नववर्ष नव संवत्सर पर निकली शोभायात्रा कार्यक्रम में भाग लेने उदयपुर आई थी। उन्होंने कार्यक्रम में जाने से पूर्व के.के.गुप्ता के उदयपुर स्थित निवास जाकर अपने अनुयायियों को आशीर्वाद दिया।

के.के.गुप्ता परिवार द्वारा दीदी मां के चरण पादुका को दूध एवं शुद्ध जल से धोकर पुण्य का लाभ लिया। इस मौके पर उदयपुर नगर निगम के मेयर गोविन्द सिंह टांक, नारायण सेवा संस्थान के प्रबंधक प्रशांत अग्रवाल, ताराचंद जैन, जिनेंद्र शास्त्री भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्तागण, प्रकाश अग्रवाल वात्सल्य सेवा समिति अध्यक्ष, अग्रवाल समाज के अध्यक्ष ओम प्रकाश, रामजी, प्रकाश, मदन,चंचल अग्रवाल तथा सैकड़ों लोगों ने दीदी ऋतंभरा से आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर दीदी ने एक पोस्टर का विमोचन भी किया जिसमें स्वच्छता, पर्यावरण एवं जल संचय को लेकर संदेश था। पूर्व सभापति के.के.गुप्ता ने दीदी ऋतंभरा को डूंगरपुर स्वच्छता का साक्षी पुस्तक भेंट की।

बाद में नव वर्ष समारोह में दीदी ने कहा कि स्वच्छता सेवा के माध्यम से लोगों के स्वास्थ्य को अच्छा और बेहतर बनाने का प्रयास कर गुप्ता ने न केवल स्वच्छता अपितु पर्यावरण संरक्षण, जल संचय – जल संरक्षण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, महिला सशक्तिकरण, दिव्यांग महिलाओं को रोजगार तथा पांच वर्षों में अनवरत सेवा के कार्यों से देशभर प्रसिद्धि प्राप्त की है।

गुप्ता ने समय-समय पर संतों के प्रवचन का लाभ डूंगरपुर शहर को दिलाकर नई पीढ़ी में संस्कार का बीजारोपण किया है।

दीदी ने कहा कि स्वच्छता भी सेवा का एक प्रभावी प्रकल्प हैं। गुप्ता ने स्वच्छता से लोगों को जीवनदान दिया हैं, पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में डूंगरपुर में 25 हज़ार वृक्ष लगाकर आमजन की आयु को संबल दिया है।

पूर्व सभापति के.के.गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि साध्वी ऋतंभरा जी, जिन्हे दीदी माँ के नाम से जाना जाता है, एक बहुत ही प्रमुख आध्यात्मिक गुरु हैं। वह भारतीय संस्कृति के महान सम्मान और हिंदुत्व का उपदेश देती है। साध्वी ऋतम्भरा महिला और बच्चों के लिए खोले गए वात्सल्य ग्राम की संस्थापक हैं।

वत्सल्याग्राम एक अनूठी अवधारणा है जो एक अनाथालय, वृद्धाश्रम और विधवा-आश्रय का संयोजन है, जहां अनाथ बच्चे, विधवा और बुजुर्ग एक संयुक्त परिवार के रूप में रहते हैं। वात्सल्य ग्राम उन महिलाओं और बच्चों के लिए घर है, जिन्हें प्रगति के लिए एक पोषण और प्रेमपूर्ण पर्यावरण की आवश्यकता है। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के प्रति भी काम किया है।

उनकी मातृभावना ने लाखों हृदय को छू लिया है, जैसा कि उनका मानना है कि हर आत्मा एक दैवीय रचना है, वह अमीर या गरीब नहीं है और उन्हें दिव्य मिशन को पूरा करना होगा। वह जरूरत के मुताबिक बच्चों का ध्यान रखती है और मानती है कि वही भविष्य हैं और हमें उन सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए मजबूत आधार बनाने की जरूरत है। साध्वी ऋतंभराजी के भाषण प्रवचन का एक बड़ा प्रभाव पड़ता है और वह शब्दों के माध्यम से बहुत ही सुन्दरता से हिंदू धर्म का सार और इसके उपदेश का सार बताती हैं।

उदयपुर शहर में नववर्ष को लेकर शहर के लोगों में नव उत्साह के साथ नव चेतना का संचार एवं उमंग देखी गई । नव वर्ष पर निकली शोभायात्रा टाउन हॉल से निकली और भंडारी मंडप तक हजारों की संख्या में बड़े उत्साह से लोगों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में डूंगरपुर नगर परिषद के पूर्व सभापति के. के.गुप्ता व समर्थकों ने झांकी के साथ भाग लिया। झांकी के माध्यम से स्वच्छता, पर्यावरण एवं जल संचय – जल संरक्षण का संदेश दिया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षक दीदी ऋतंभरा रही।