जेल से आजाद हुए इमरान खान, सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी को बताया गैरकानूनी

इमरान खान
इमरान खान

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. उनकी गिरफ्तारी को कोर्ट ने गैरकानूनी करार देते हुए उन्हें रिहा कर दिया. सुनवाई के दौरान इमरान खान ने चीफ जस्टिस ने कहा कि मेरे साथ आतंकियों जैसा बर्ताव हुआ. मुझे गिरफ्तार करने के लिए कमांडो की कार्रवाई की गई. मुझे कोर्ट से गिरफ्तार किया गया।
इमरान खान ने कहा कि मुझे मेरी गलती के बारे में तक नहीं बताया गया. मुझे अभी तक समझ नहीं आया कि मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ? उन्होंने तीन जजों की बेंच के सामने अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि मुझे गिरफ्तार करने के बाद वे मुझे पुलिस लाइन ले गए, फिर कहीं और ले गए. मेरे साथ बेहद ही बुरा बर्ताव हुआ। मुझे डंडों से पीटा गया।

क्या कहा इमरान ने कोर्ट में?

पाकिस्तान
पाकिस्तान

इमरान ने कहा कि कभी वो मुझे पुलिस लाइन और कभी कहीं और लेकर गए. मुझे समझ नहीं आया कि मेरे साथ क्या हुआ। इतना की मुझे एक मौका तक नहीं दिया गया कि मुझे बताया जाए कि मेरी गलती क्या है। उन्होंने आगे कहा कि हम केवल ये चाहते थे कि चुनाव हों और लोग अपने प्रतिनिधि चुने। जब भी अराजकता हुई मैंने रैलियां रद्द कीं। हमारी चुनावी रैलियों को भी सताया गया। मैं अपने समर्थकों से कहता हूं कि कानून को हाथ में न लें. इस पर चीफ जस्टिस ने उनसे कहा कि सियासी बातें न करें।

पीठ ने जारी किए निर्देश

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह की तीन सदस्यीय पीठ द्वारा खान को कोर्ट में पेश करने के निर्देश जारी किया था। पीठ ने ही अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई की थी।

गिरफ्तारी पर स्ष्ट नाराज

मामले में सुनवाई के दौरान पीठ ने 70 वर्षीय खान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से गिरफ्तार किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। इमरान खान लाहौर से एक मामले के सिलसिले में हाई कोर्ट पहुंचे थे। पीठ ने एनएबी को शाम साढ़े चार बजे (स्थानीय समयानुसार) तक खान को पेश करने का निर्देश दिया है। जिसके बाद अदालत की कार्यवाही फिर से शुरू होगी।

गिरफ्तारी पर कोर्ट ने उठाए सवाल

साथ ही मामले में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश बांदियाल ने सवाल किया कि कोर्ट परिसर से किसी व्यक्ति को कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है? मामले में अदालत ने यह भी कहा कि रजिस्ट्रार की अनुमति के बिना किसी को भी अदालत से गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। अदालत ने यह भी कहा है कि परिसर में प्रवेश करने का मतलब है आत्मसमर्पण करना। अब सवाल यह है कि आत्मसमर्पण के बाद किसी व्यक्ति को कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है! मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया, तो उन्हें गिरफ्तार करने का क्या मतलब है।

उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती

आपको बता दें, इमरान खान को पिछले मंगलवार इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद बुधवार को उन्हें अल-कादिर ट्रस्ट मामले में आठ दिनों के लिए एनएबी को सौंप दिया था। जिसके बाद इमरान खान ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ एनएबी के वारंट को रद्द करने और गिरफ्तारी को ‘गैरकानूनी’ घोषित करने के लिए बुधवार को शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।

यह भी पढ़ें : राजस्थान के डेगाना में मिले लिथियम के भंडार