
आमिर खान के वालिद यानि पापा ताहिर हुसैन जाने माने डायरेक्टर थे और उनके बड़े पापा यानि नासिर हुसैन हिंदी फिल्मों के बड़े फिल्म प्रोड्यसरों और डायरेक्टरों में गिने जाते थे। लेकिन वक्त बदला और इस परिवार की आर्थिक हालत खराब हो गई। आमिर खान ने शूटिंग स्थलों पर सहायक के तौर पर काम करना शुरु कर दिया। आमिर के पापा चाहते थे कि आमिर डॉक्टर या इंजीनियर बनें और सेटल हो जाएं।
आमिर के ताऊ नासिर हुसैन एक नई फिल्म की तैयारी कर रहे थे और आमिर के साथ खंडाला में थे।
ताहिर हुसैन नहीं चाहते थे कि आमिर फिल्मों में आएं। लेकिन आमिर संघर्ष करते रहे। एक दिन शूटिंग स्थल पर एक्ट्रेस तबस्सुम ने उन्हें देखा और कहा कि तुम अच्छे दिखते हो हीरो बनने की ट्राई करो। आमिर को यह बात जंच गई और वो हीरो बनने के सपने देखने लगे।
आमिर ऐसे बने हीरो
उसी दौरान आमिर के ताऊ नासिर हुसैन एक नई फिल्म की तैयारी कर रहे थे और आमिर के साथ खंडाला में थे। जावेद अख्तर को जब पता चला कि नासिर साहब इसी होटल में हैं तो उनसे मिलने उनके कमरे में चले गए। बकौल जावेद अख्तर मैं नासिर साहब से मिला और हमने एक दूसरे का हालचाल पूछा मैंने देखा एक खूबसूरत सा लडक़ा कौने में टेबल पर बैठा कुछ लिख रहा था। मैंने पूछा नासिर साहब यह लड़ा कौन है।
नासिर हुसैन ने कहा कि यह अपने ताहिर का लडक़ा मेरे साथ नई फिल्म की कहानी लिख रहा है। जावेद अख्तर ने कहा कि नासिर साहब आप यह क्या का रहे हैं इसे तो आप फिल्म का हीरो बनाइए। यह सुनकर नासिर हुसैन थोड़ी देर खामोश हो गए, और उन्होंने घर में सलाह मश्विरा कर आमिर का फिल्म के लिए फाइनल कर दिया। उसके बाद की कहानी आपको पता है कि आज आमिर कहां हैं।