
राजसमन्द। राजस्थान भील समाज विकास समिति ने सोमवार को सीएम अशोक गहलोत के नाम एसडीएम डॉ. दिनेश राय सापेला को ज्ञापन सौंपकर आदिवासी भील समुदाय के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरियों में उचित प्रतिनिधित्व, आरक्षण एवं टीएसपी में सम्मिलित करने की मांग की। ज्ञापन में बताया कि राजसमंद जिले में आदिवासी भील समाज बिखरी आबादी के रूप में निवासरत है। स्वतंत्रता के इतने वर्षों बाद भी समाज के युवाओं को सरकारी नौकरियों में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है।
पुराना मेवाड़ (राजसमंद) क्षेत्र के आदिवासियों एवं वागड़ क्षेत्र (डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर ग्रामीण) के आदिवासी दोनों ही सम्मान जनजातियां हैं एवं सम्मान आर्थिक, सामाजिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक स्थितियां समान होने पर भी वागड़ क्षेत्र के आदिवासी समुदाय को टीएसपी में विशेष दर्जा देकर सरकारी सेवाओं के अवसर उपलब्ध करवाए, जबकि राजसमंद के आदिवासी भील समुदाय को नहीं। ऐसा होने से जिले के आदिवासी भील समुदाय के साथ अन्याय हो रहा है।
क्योंकि राण प्रताप की लड़ाई हल्दीघाटी (राजसमंद) में हुई। फिर भी यहां आदिवासी भील समुदाय अनुसूचित क्षेत्र (टीएसपी) के बाहर हैं। एक तरफ समुदाय के युवाओं को हर प्रतियोगी परीक्षा में शेखावाटी एवं हाड़ौती के युवाओं से मुकाबला होता है, वहीं एक तरफ जनजाति उपक्षेत्र (टीएसपी) में युवाओं के 36 प्रतिशत पर नौकरी मिल रही हैं।
राज्य सरकार विभिन्न प्रकार की भर्तियों में आर्थिक, सामाजिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक स्थिति के आधार पर जिले के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षा के लिए टीएसपी में शामिल कर राजसमंद जिले के आदिवासी भील समुदाय की जनसंख्या के अनुपात में विभिन्न भर्तियों में पदों को बढ़ाया जावें, इससे राजसमंद के स्थानीय भील समुदाय के युवाओं को सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व मिल सकें।
ज्ञापन में मांगकर कहा कि मेवाड़ के आदिवासी भील समुदाय की मूलभूत मांग है कि राजसमंद के भील समुदाय को आर्थिक, सामाजिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक स्थिति के आधार पर वागड़ क्षेत्र (डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर ग्रामीण) के आदिवासी समुदाय की तर्ज पर आरक्षण दिलाया जाएं। इस दौरान समिति प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल भील, बंशीलाल भील, मौजूद थे।
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