मुकाम में होने वाली सुबह-शाम की आरती, गुरु जांभोजी के अब ऑनलाइन दर्शन होंगे

बीकानेर। अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया की अध्यक्षता में हुई। बैठक में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा द्वारा भगवान जांभोजी की समाधि स्थल मुक्ति धाम मुकाम से सुबह एवं शाम को यज्ञ व सामाजिक कार्यक्रम का सोशल मीडिया पर ऑनलाइन दर्शन कराने का निर्णय लिया।

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विचार रखते हुए अध्यक्ष बूडिया ने कहा कि विश्व भर में निवास करने वाले प्रत्येक आमजन तक भगवान की जांभोजी की वाणी का प्रचार प्रसार हो इसके लिए महासभा कृत संकल्प है। देवेन्द्र बूडिया ने कहा कि महासभा के संरक्षक बिश्नोई रत्न चौधरी कुलदीप बिश्नोई के निर्देशानुसार महासभा जल्दी ही जयपुर में विश्नोई धर्मशाला निर्माण, भगवान जांभोजी के निज़ मंदिर मुक्तिधाम मुकाम से आरती व यज्ञ का प्रतिदिन सुबह व सायंकालीन पूजा-पाठ को विभिन्न सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारण का शुभारंभ किया।

शाम 5:15 बजे श्री गुरू जम्भेश्वर भगवान समाधि स्थल मुकाम हवन यज्ञ अमृत शब्दवाणी का सीधा प्रसारण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दिल्ली से बिश्नोई रत्न चौ. कुलदीप बिश्नोई महासभा ने वर्चुअल द्वारा उद्घाटन किया।

इस शुभ अवसर पर पतराम लोहमरोड़, सोमप्रकाश सिगड़, रूपाराम कालीराणा, जयकिशन सारण, बलदेव खोखर, पूनमचंद सारण, वेदप्रकाश कड़वासरा, मोहनलाल खिलेरी, डॉ. सरस्वती बिश्नोई, सीताराम बिश्नोई, ओमप्रकाश लोल, अंनतराम खिलेरी, राणाराम नैण, विकास जाणी, सुरेश सियांग, गंगाराम पूनिया, गोरधनाराम बांगड़वा, सुरेश कांकड़, राजेन्द्र खिलेरी, किशन खिलेरी, रामेश्वर सियोल, रामनिवास एडवोकेट, जगदीश गोदारा, धनराज खीचड़ ने मीटिंग व वर्जुअल उद्घाटन मंदिर कार्यक्रम में भाग लिया।

537वां बिश्नोई धर्म स्थापना दिवस पर निकाली शोभायात्रा

537 वां बिश्नोई धर्म स्थापना दिवस पर मुकाम में शुक्रवार को हवन व यज्ञ बाद शोभा यात्रा निकाली गई। मुकाम पीठाधीश्वर रामानन्द आचार्य, महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेन्द्र बूडिय़ा, नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई, उपाध्यक्ष पतराम लोहमरोड़ सोमप्रकाश सीगड़, महासचिव रूपाराम कालीराणा, जयकिशन सारण ने भगवी झंडा दिखाकर शोभा यात्रा को रवाना किया।

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के सभी पदाधिकारी बिश्नोई समाज के संत महात्माओं, माता, बहन, बुजुर्ग सभी भगवान के कीर्तन गुरू जम्भेश्वर भगवान के जयकारे के साथ शोभा यात्रा के साथ पैदल रवाना हुए। समराथल धोरा पर आचार्य स्वामी कृष्णानन्द महंत, स्वामी रामकृष्ण महंत, महंत स्वामी छगनप्रकाश व सभी संत महात्माओं ने हवन किया।

अमृतशब्दवाणी जांभोजी द्वारा अमृतपाहल बनाया। राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेन्द्र बूडिया ने पाहल पर हाथ रखा, संतो ने पाहल बनाकर सभी शोभा यात्रा के श्रद्धालुओ को हवन यज्ञ दर्शन बाद पाहल दिया। गुरू जम्भेश्वर भगवान के द्वारा जम्भेश्वर भगवान के द्वारा प्रतिपादित 29 नियमों पर चलकर प्रकृति पर्यावरण जीव जंतु मानव सेवा का संकल्प लिया।

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