
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में नारद स्टिंग घोटाले को लेकर सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस सरकार के दो मंत्रियों फरहाद हकीम व सुब्रत मुखर्जी, एक विधायक मदन मित्रा और एक पूर्व मंत्री शोभन चटर्जी को अरेस्ट कर लिया था, वहीं शाम को विशेष सीबीआई अदालत ने चारों नेताओं को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया।
सीबीआई ने इन्हें 14 दिनों की हिरासत में भेजे जाने की मांग की थी। इससे पहले नेताओं को गिरफ्तार किए जाने पर टीएमसी नेताओं ने लॉकडाउन तोड़ते हुए कई जगहों पर प्रदर्शन किए। यहां तक कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी गिरफ्तारी की पेशकश की और धरना दिया।
हकीम, मुखर्जी, मित्रा और चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी लेने के लिए सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का रुख किया था। वर्ष 2014 में कथित अपराध के समय ये सभी मंत्री थे। धनखड़ ने चारों नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद सीबीआई अपना आरोपपत्र तैयार कर रही है और उन सबको गिरफ्तार किया गया। स्टिंग ऑपरेशन में राजनीतिक नेता कैमरे पर कथित रूप से रिश्वत लेते पकड़े गए थे।