
धर्म ग्रंथों में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन व्रत-उपवास करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से हर तरह का सुख मिलता है और परेशानियों से मुक्ति मिलती है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी को साल की सबसे बड़ी एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 31 मई, बुधवार को है। आगे जानिए इस दिन क्या करें-क्या नहीं।
निर्जला एकादशी व्रत के दिन ना करें यह चार कार्य

शास्त्रों में बताया गया है कि निर्जला एकादशी के दिन चावल को ग्रहण करने से बचना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति एकादशी के दिन चावल का सेवन करता है, उसे अगले जन्म में कीड़े के रूप में पैदा होना पड़ता है।
जो लोग निर्जला एकादशी व्रत का पालन कर रहे हैं, उन्हें इस विशेष दिन पर भूलकर भी नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि नमक का सेवन बहुत जरूरी है तो वह सेंधा नमक खा सकते हैं और यदि आप व्रत नहीं रख रहे हैं। तब इस दिन सात्विक भोजन ही खाएं।

एकादशी व्रत के दिन व्यक्ति को मसूर की दाल, मूली, बैंगन या सीम की सब्जी का सेवन नहीं करना चाहिए। आप यदि व्रत नहीं रख रहे हैं, तब भी इन चीजों का सेवन करने से परहेज करें।
निर्जला एकादशी व्रत के दिन व्यक्ति को शुद्ध मन से भगवान की उपासना करनी चाहिए। इस दिन मन में बुरे विचार नहीं लाना चाहिए और दूसरों से वाद-विवाद से भूल कर भी ना करें। इसके अलावा इस विशेष दिन पर ब्रह्मचर्य का पूर्ण रूप से पालन करें। ऐसा करने से एकादशी व्रत का शुभ फल प्राप्त किया जा सकता है।
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