आमजन की भागीदारी से चारागाह विकास को मिलेगी प्रगति : विकास अधिकारी

कार्यशाला

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बाड़मेर। पंचायत समिति सभागार शिव में आईटीसी मिशन सुनहरा कल, राजस्थान सरकार और फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी द्वारा चारागाह विकास के लिए कार्यशाला आयोजित की गई। धनदान देथा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विकास अधिकारी ने चारागाह विकास करने के बारे में बताते हुए कहा की आम जन की भागीदारी से चारागाह विकास को प्रगति मिलेगी। सरकार द्वारा चारागाह के कार्य किए जा रहे हंै। इसमें समिति की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। उपखंड अधिकारी ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इससे चारागाह विकास के माध्यम से जीव जगत का विकास कर सकते हैं।

चारागाह विकास समिति गठन होगा

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जिला प्रशिक्षक दिनेश कुमार ने प्रशिक्षण देते हुए कहा कि शामलाती भूमि के अधिकार, कानून नियमों एवं विकास करने के बारे में गांव स्तर पर राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 के नियम 170 (1) के तहत प्रत्येक राजस्व ग्राम में चारागाह विकास समिति गठन किया जाना है। चारागाह विकास मनरेगा के अंतर्गत किए जाने के बारे में बताया गया। इस कार्यशाला के बाद में ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम विकास अधिकारी, कनिष्ठ तकनीकी सहायक, एवं सरपंच द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। तहसीलदार ने कहा कि अतिक्रमण आम समस्या है जिसे समाधान हेतु सहयोग कर चारागाह अतिक्रमण मुक्त कराने के बारे में बताया गया। सरपंचों को बंजर भूमि एवं चारागाह कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने संबंधी बात कही। प्रशिक्षण के दौरान क्षमतावर्धन कार्यक्रम के अंतर्गत संभागियों को ग्राम पंचायत स्तर पर कमेटियों के सदस्यों को प्रशिक्षित करने हेतु प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान एफईएस जिला समन्वयक हाकम सिंह राठौड़ ने शामलात भूमि के महत्व, उपयोग, शामलात संसाधनों की सुरक्षा , प्रबंधन की विस्तार से जानकारी प्रदान की।

वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाएंगे

उन्होंने बताया कि गांव स्तर पर वार्ड पंच की अध्यक्षता में चारागाह विकास समिति का गठन किया जाना है, जिसके माध्यम से चारागाह विकास कार्य कराए जा सकते हैं। चारागाह का विकास के अंतर्गत खाई खुदाई, वृक्षारोपण, नाडी एवं टांका निर्माण, घास-चारा लगाने का कार्य कराया जा सकता है। मोबाइल एप्लीकेशन के बारे बताते हुए कहा कि हम समय-समय पर ऑनलाइन जुडकर के इस कार्यक्रम को सफल बना सकते हैं। एक दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान ग्राम विकास अधिकारी, सरपंच, सहायक विकास अधिकारी, कनिष्ठ तकनीकी सहायक, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य, सहायक अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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