जयपुर
कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने प्रस्थान पूर्व आमुखीकरण प्रशिक्षण केन्द्रों (पीडीओटी सेंटर्स) के मुख्य प्रशिक्षकों से कहा कि हमें युवाओं को आजीविका मुहैया कराने के लिए इन केन्द्रों को ओवरसीज प्लेसमेंट ब्यूरो में तब्दील करना होगा। जैन सोमवार को यहां झालाना सांस्थानिक क्षेत्र स्थित आरएसएलडीसी कांफ्रेंस हॉल में विदेश मंत्रालय के इंडिया सेन्टर फॉर माइग्रेशन एवं राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) की ओर से पीडीओटी सेंटर्स के मुख्य प्रशिक्षकों के लिए आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। नवीन जैन ने कहा कि राज्य में आरएसएलडीसी युवाओं में कौशल विकसित कर रोजगार योग्य बनाने के लिए काम कर रही है जो देश में एक यूनिक मॉडल है। जयपुर, सीकर एवं नागौर में पीडीओटी सेंटर्स के माध्यम से काफी संख्या में श्रमिक लाभान्वित किए जा रहे हैं। उदयपुर और कोटा में ऐसे केन्द्र खोलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें युवाओं को रोजगार के लिए विदेश जाने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। इसके लिए आवश्यक है कि पीडीओटी सेंटर्स ओवरसीज प्लेसमेंट ब्यूरो के रूप में काम करें। युवाओं को ओवरसीज प्लेसमेंट अवसरों के बारे में अवगत कराएं और विदेश यात्रा के लिए आवश्यक औपचारिकताओं से जुड़ी भ्रांतियां दूर करें। पासपोर्ट, वीजा, भाषा सहित सभी संशयों का निराकरण करें। मुख्य प्रशिक्षकों को केन्द्र सरकार की ओर से प्रवासी कामगारों के कल्याण और सुरक्षा के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। प्रवासी भारतीय बीमा योजना, भारतीय समुदाय कल्याण कोष, प्रवासी भारतीय सहायता केन्द्र, व्यवस्थित एवं नियमित प्रवास, प्रस्थान पूर्व चिकित्सा जांच, धन प्रेषण एवं खाड़ी देशों में स्थित भारतीय दूतावास के सम्पर्क विवरण, विदेशी भाषा का प्रारंभिक ज्ञान एवं विदेश यात्रा के लिए ध्यान रखने योग्य अन्य जरूरी बातें बताई गई। कार्यशाला में प्रवासी भारतीय मामलों के निदेशक डॉ. शंशांक विक्रम, उप सचिव निशीकांत सिंह एवं इंडिया सेन्टर फॉर माइग्रेशन की मुख्य प्रशासनिक अधिकारी सुरभि सिंह ने विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षणाथियों का मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी राजेन्द्र सिंह, प्रोटेक्टर ऑफ इमिग्रेन्ट्स श्री सुशील कुमार मीणा, आरएसएलडीसी के वरिष्ठ अधिकारी, पीडीओटी टीम एवं प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे।