डेंगू से बचाव की कर लें तैयारी

डेंगू
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बारिश के दिनों में आसपास नहीं भरनें दें पानी, सतर्कता ही इसका सबसे बड़ा उपाय

डेंगू मच्छरों के काटने से फैलने वाली एक बीमारी है. इस बीमारी में व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार पड़ सकता है। यह बुखार डेंगू वायरस के कारण होता है, इसलिए एंटीबायोटिक दवाओं से इसका इलाज नहीं हो पाता है। आमतौर पर यह बीमारी बरसात के मौसम में होती है, लेकिन घरों में लंबे समय तक खुले में रखे पानी में भी डेंगू बीमारी फैलाने वाले मच्छर पनप सकते हैं। ध्यान रहे कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में ही पनपता है, इसलिए अपने आसपास पानी जमा न होने दें. डेंगू बुखार ट्रॉपिकल क्षेत्रों में होता है. खासतौर पर दक्षिण-पूर्वी एशिया, पश्चिमी प्रशांत, पूर्वी भूमध्यसागर, अफ्रीका और उत्तर व दक्षिण अमेरिका के100 से ज्यादा देशों में हर साल डेंगू का प्रकोप देखने को मिलता है. डेंगू किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है, यह स्त्रियों और पुरुषों में किसी को भी हो सकता है। इसका एक गंभीर रूप हेमरेजिक बुखार बच्चों को ज्यादा प्रभावित करता है।

हर साल अलग-अलग स्ट्रेन

डेंगू
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हर साल सामने आने वाले डेंगू के संक्रमण में स्ट्रेन अलग-अलग होते हैं। किसी वर्ष डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है, तो कई वर्षों तक संक्रमण का असर कम रहता है। चारों स्ट्रेन में डेंगू-2 अधिक खतरनाक है। हालांकि, सभी स्ट्रेन के लक्षण लगभग एक जैसे ही होते हैं, लेकिन कुछ संक्रमण गंभीर हो जाते हैं। डेंगू के कारक एडीज एजिप्टिआइ मच्छर आमतौर पर गर्म इलाकों में पाए जाते हैं। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के चलते इस तरह के मच्छर बढ़ रहे हैं।

सिरोटाइप-2 से अधिक जोखिम

डेंगू में सिरोटाइप-2 वायरस का संक्रमण अधिक खतरनाक होता है। इसमें बुखार के साथ-साथ मस्तिष्क आघात होने का भी जोखिम रहता है। अभी तक यह वायरस अफ्रीका और एशिया के कुछ देशों में पाया जाता था। लेकिन अब औसत तापमान में लगातार वृद्धि होने और अलग-अलग देशों में आवाजाही बढऩे से मच्छरों की उत्पत्ति और प्रसार बढ़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, डेंगू का प्रभाव 100 से अधिक देशों में है। अगर किसी को एक बार डेंगू का संक्रमण हो चुका है और अगले साल उसे दोबारा संक्रमण होता है, तो उसके लिए यह अधिक जोखिम भरा हो सकता है।

क्यों बढऩे लगे हैं डेंगू के मामले

डेंगू
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आमतौर पर मानसून के मौसम में बारिश होने के बाद डेंगू का संक्रमण तेजी से फैलता है, लेकिन इस वर्ष गर्मी की शुरुआत में ही देश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश होने से मच्छरजनित बीमारियों की आशंका बढ़ गई है। इस क्रम में डेंगू के मामले भी आने लगे हैं।

डेंगू के सामान्य लक्षण

  • तेज बुखार के सिरदर्द
  • आंखों के पीछे दर्द महसूस होना
  • उल्टी और मिचली
  • जितने लोगों को डेंगू के मच्छर काटते हैं, उनमें से केवल 10 प्रतिशत लोगों में ही लक्षण दिखते हैं। बाकी में कोई खास लक्षण नहीं दिखते। कुछ लोग स्वत: ठीक हो जाते हैं, उन्हें कोई खास तकलीफ नहीं होती। कुछ लोगों को ही गंभीर प्रकार का डेंगू होता है।

इन बातों का रखें ध्यान

  • यह दिन में काटने वाला मच्छर है और साफ पानी में ही पनपता है।
  • मच्छरों से बचने के लिए रिपेलेंट पिकारिडीन सुरक्षित है और बच्चों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • दिन के समय में रिपेलेंट का इस्तेमाल करें। क्वाइल और वेपराइजर को दिन के समय में चलाकर रखें, ताकि मच्छर ना आएं।
  • मच्छर से बचने के लिए पूरी बांह के कपड़ें पहनें, शरीर को ढककर रखें।
  • खुले इलाकों, खासकर पेड़-पौधों और नमी वाली जगह पर शरीर को ढके रहें।
  • घर में गमलों, कूलर में, फ्रिज के नीचे पानी इक_ा ना होने दें।
  • संक्रमण हो जाए तो क्या करें
  • शरीर में पानी की कमी ना होने दें।
  • डेंगू में कोई विशेष दवाई नहीं है, इसमें आराम जरूरी है।
  • बुखार कम करने के लिए पैरासिटामोल का प्रयोग किया जाता है।
  • किसी तरह के पेनकिलर- एस्पिरीन या आइब्रोफेन जैसी दवाओं के सेवन से बचें। इससे प्लेटलेट टूटकर ब्लीडिंग होने का खतरा रहता है।
  • डिहाइड्रेशन रोकने के लिए नींबू पानी, नारियल पानी का इस्तेमाल करें।

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