
नई दिल्ली। उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान बनाए गए व्हाट्स एप गु्रप कट्टर हिंदू एकता ने लोगों के बीच सांप्रदायिक वैमनस्य बढ़ाया था। यह सौहार्द के लिए खतरनाक था। यह दावा दिल्ली पुलिस ने दंगा मामले में दाखिल एक पूरक आरोप पत्र में किया है।
दिल्ली पुलिस के अनुसार यह गु्रप 25 फरवरी को समुदाय विशेष से बदला लेने के लिए बनाया गया था। इस गु्रप के एक सदस्य ने भी कहा था कि उनकी मदद के लिए एक बड़े धार्मिक संगठन के लोग आ गए हैं।
कड़कडड़ूमा अदालत के सीएमएम पुरुषोत्तम पाठक के समक्ष यह पूरक आरोप पत्र 26 सितंबर को दाखिल किया गया था। दिल्ली पुलिस ने पूरक आरोप पत्र में गु्रप के चैट के उन हिंस्सों को पेश किया है जिनमें मजहबी अपशब्द, धार्मिक शिक्षा व पूजा स्थलों को तोडऩा तथा समुदाय विशेष के लोगों से मारपीट करने की बात थी।

दिल्ली पुलिस ने यह पूरक आरोप पत्र गोकुलपुरी इलाके में हाशिम अली की हत्या के सिलसिले में नौ लोगों के खिलाफ दाखिल किया है। पूरक आरोप पत्र के अनुसार व्हाट्स एप गु्रप में समुदाय विशेष के लोगों को सबक सिखाने, हाशिम अली तथा उसके भाई आमिर अली समेत नौ लोगों की हत्या के लिए लाठी डंडों, तलवार, असलहे से खुद को लैस किया।
इन लोगों ने मजहबी नारे भी लगाए
पेश मामले में लोकेश कुमार सोलंकी, पंकज शर्मा, सुमित चौधरी, अंकित चौधरी, प्रिंस, जतिन शर्मा, विवेक पांचाल, ऋषभ चौधरी, हिमांशु ठाकुर आरोपी हैं और यह सब न्यायिक हिरासत में हैं।
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