आरएसएस ने कभी आजादी के आंदोलन में गांधीजी का साथ नहीं दिया : गहलोत

जयपुर। सीएम अशोक गहलोत ने भाजपा—आरएसएस और पीएम मोदी पर बड़ा हमला बेाला है। सीएम ने कहा कि आज मोदीजी से लेकर इनके कई साथी पंडित नेहरू की लीगेसी पर सवाल उठाते हैं। ये लोग अंग्रेजों की मुखबिरी किया करते थे, इन्होंने आजादी की जंग मेें कोई साथ नहीं दिया, गांधीजी का साथ नहीं दिया, आरएसस लीगेसी इसलिए चल रही है कि इस परिवार की क्रेडिबिलिटी नहीं है। इनकी खुद की लीगेसी क्या है, हम पूछना चाहते हैं इनको, पहले वो बताएं, 100 साल के इतिहास के अंदर आपकी लीगेसी क्या है देश के लिए। धर्म के नाम पर लड़वाओ, जातिवाद पैदा करो, आग लगाओ, दंगे करवाना इनकी लीगेसी है। ये क्या हमसे पूछेंगे?

 

पीसीसी के बाहर सभा को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि देश में आज लोकतंत्र और संविधान खतरे में है। फासिस्ट लोग लोकतंत्र का मुखौटा पहनकर सत्ता में बैठे हैं, इनका लोकतंत्र में यकीन नहीं है। सीएए और एनआरसी पर देश में आग लगी है, इनका काम आग लगाना है, कांग्रेस का काम आग बुझाना है।
गहलोत ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में भी केंद्र को निशाने पर लिया। एनआरसी और एनपीआर के विरोध के सवाल पर गहलोत ने कहा कि इससे बड़ा झूठ कुछ हो ही नहीं सकता है। जो पंद्रह दिन के अंदर बोली जा रही है, प्रधानमंत्री कुछ बोलते है, अमित शाह कुछ बोलते है। पूरा मुल्क सुन रहा है, समझ रहा है। देख रहा है। ये हम कह सकते हैं कि ये लागू हम करेंगे ही नहीं यहां पर। ये इनको खुद को वापस लेन पड़ेगा, इस पर चर्चा बंद करनी पड़ेगी।

 

जितनी चर्चा करेंगे उतना नुकसान इनको खुद को है। ना एनआरसी की बात कर पाएंगे ये लोग ना नागरिकता की, जो नया कानून बनाया है उसकी बात कर पाएंगे, कोई बात ही नहीं कर पाएंगे। ये ऐसे फंस गए हैं, निकलना मुश्किल हो रहा है। इसलिए गृहमंत्री जी बार-बार प्रकट हो रहे हैं, सफाइयां दे रहे हैं, डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं। डैमेज कंट्रोल होने वाला नहीं है। हर नागरिक के दिमाग में आ गई है ये चाहते क्या हैं, इस मुल्क को कहां ले जाना चाहते हैं। लोकतंत्र बचा कहां है। कोटा में बच्चों की मौत की जांच करवाई है, एक भी बच्चे की मौत होना दुर्भागयूपर्ण, पूरे प्रदेश में बच्चों की मृत्यु दर घटे इसके प्रयास होंगे।

 

कोटा में बच्चों की मौत के सवाल पर सीएम ने कहा कि सबसे कम जाने 6 साल में इस साल गई हैं लेकिन एक भी बच्चे की मौत होना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होता है। एक साल में 1500 से लेकर 1300 तक मौतें हुई हैं, इस साल करीब 900 हुई हैं, पर 900 क्यों हुई है, क्यों हो वो तो एक भी नहीं होनी चाहिए। मैंने पूरी तरह वहां जांच करवाई है, एक्शन भी हम कर रहे हैं। अब भी हम ध्यान देंगे किस प्रकार से बच्चों की मॉर्टेलिटी रेट कम हो, निरोगी राजस्थान में इसका ध्यान रखा जाएगा। शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी आई है, ना मां मरे, ना बच्चा मरे ये हमारी सोच है।