
पेगासस जासूसी मामले को लेकर संसद में हंगामा जारी है। 11 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। वे पेगासस जासूसी मामले में बहस की मांग कर रहे थे। ऐसे में हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे तक के लिए फिर दोपहर 2 बजे तक के लिए और फिर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
उधर लोकसभा में भी विपक्ष की नारेबाजी के चलते कार्यवाही पहले 11.45 बजे तक और फिर 12 बजे स्थगित कर दी गई। 12 बजे जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी सांसदों ने धरना शुरू कर दिया। इसके बाद कार्यवाही 12.30 तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद भी हंगामा नहीं रुका तो कार्यवाही 2 बजे तक, फिर 2.30 बजे और फिर 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
पेगासस मामले में राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि ढ्ढञ्ज एक्ट के मुताबिक सर्विलांस के लिए इजाजत लेनी पड़ती है। इस सरकार ने पेगासस के जरिए जासूसी की इजाजत दी है।
जजों, आर्मी अफसरों, पत्रकारों और विपक्ष के नेताओं की जासूसी करवाई गई है। दुनिया के किसी लोकतंत्र में ऐसा नहीं होता है। देश में तानाशाही चल रही है। मोदी जी मुद्दों को लोकतांत्रिक तरीके से हल करने के लिए तैयार नहीं हैं। हम चर्चा के लिए तैयार हैं। सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। हम सभी इस मुद्दे पर लडऩे जा रहे हैं।

इससे पहले सोमवार को दोनों सदनों में विपक्ष ने जमकर शोर-शराबा किया, जिसकी वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित की गई थी। कांग्रेस ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में पेगासस मामले पर चर्चा की जााए। संसद के मानसून सेशन का यह दूसरा हफ्ता है। पहले हफ्ते में भारी हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही ठीक से नहीं चल पाई थी।